चित्रकूट जिले के बिहारा स्थित रामसैया में श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। कथा व्यास आचार्य विकास शुक्ला ने श्रीकृष्ण और रुक्मिणी के विवाह प्रसंग का ऐसा अद्भुत वर्णन किया कि पूरा पंडाल भक्तिमय वातावरण से गूंज उठा।
कथा स्थल पर उपस्थित श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य लीलाओं और महारास के वर्णन में खो गए। कथा व्यास आचार्य गंगाधर ने जीवात्मा और परमात्मा के मिलन को महारास का सार बताते हुए कहा, “जब जीव से अभिमान समाप्त होता है, तभी वह भगवान के निकट आ पाता है।”
रुक्मिणी हरण का मार्मिक प्रसंग
कथा में आचार्य विकास ने भगवान श्रीकृष्ण द्वारा विदर्भराज की पुत्री रुक्मिणी का हरण कर विवाह संपन्न करने की कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि रुक्मिणी स्वयं लक्ष्मी का स्वरूप हैं और नारायण से उनका मिलन अटल सत्य है। इस प्रसंग के दौरान मंच पर श्रीकृष्ण और रुक्मिणी के विवाह की झांकी प्रस्तुत की गई, जिसने श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया।
श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब
कथा स्थल पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, जिससे पूरा स्थान खचाखच भर गया। श्रीमद्भागवत कथा के दौरान हर कोई भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं में डूबा नजर आया।
इस आयोजन को सफल बनाने में भागवत कथा समिति के दर्जनों सदस्यों ने दिन-रात मेहनत की। श्रद्धालुओं ने कथा के अमृतमय प्रसंगों का रसपान करते हुए जीवन में आध्यात्मिक मार्ग को अपनाने का संकल्प लिया।