समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शिशिर कुमार पांडेय तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के कुल सचिव मधुरेंद्र कुमार पर्वत, कुलाधिपति के निजी सचिव रमापति मिश्र उपस्थित थे । अपने संबोधन में कुलपति ने कहा कि यह पीठ केवल शोध कार्यों तक ही सीमित नहीं रहेगी बल्कि प्रसार सेवा कार्यक्रमों के द्वारा शोध की उत्कृष्टता को भी बढ़ावा दिया जाएगा उन्होंने शोध पीठ के माध्यम से ब्रेल लिपि तथा अन्य आधुनिकतकनीकियों के माध्यम से शोध कार्यों को अपडेट करने पर बल दिया। इस अवसर पर अपने संबोधन में विश्वविद्यालय के कुलसचिव मधुरेंद्र कुमार पर्वत ने कहा कि इस हेतु आवश्यक सुविधाओं और अन्य स्रोतों की पीठ के लिए कोई कमी नहीं होने दी जाएगी साथ ही सभी प्रकार का प्रशासनिक सहयोग शोध पीठ को प्राप्त होगा। रमापति मिश्रा ने कहा की जगद्गुरु जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला निश्चित रूप से उनके व्यक्तित्व के विभिन्न आयामों को जन सामान्य तक पहुंचाने का एक सशक्त माध्यम है और इस पीठ के माध्यम से उनके कृतित्व के द्वारा शोध के नवीन पहलुओं की जानकारी शोधार्थियों व जन सामान्य को दी जा सकेगी।समापन समारोह में शोधपीठ के सहायक निदेशक डॉ विश्वेश दुबे, अधिष्ठाता डॉ निहार निरंजन मिश्र, डॉ महेंद्र कुमार उपाध्याय, डॉ गुलाबधर, डॉ किरण त्रिपाठी, डॉ अमित अग्निहोत्री, दुर्गेश कुमार मिश्र,डॉ नीतू तिवारी सहित विश्वविद्यालय परिवार के समय सदस्य उपस्थित रहे ।समापन समारोह के अंत में धन्यवाद ज्ञापन शिक्षा विभाग के प्रभारी डॉ रजनीश कुमार सिंह ने किया।