April 19, 2025 4:42 am

कृषि विज्ञान केंद्र मझगवां में फल एवं सब्जी प्रसंस्करण तथा मूल्यवर्धन विषय पर 3 दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ

महिलाओं को अचार, मुरब्बा, पेठा, कैंडी, जैम जेली, प्राकृतिक गुलाल बनाने का दिया जा रहा प्रशिक्षण

मझगवां/ दीनदयाल शोध संस्थान कृषि विज्ञान केंद्र मझगवां में खाद्य प्रसंस्करण विभाग में हंस फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में 3 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण का शुभारंभ भारत माता, राष्ट्र ऋषि नानाजी एवं पंडित दीनदयाल जी के चित्र के समक्ष दीप प्रजज्वलन एवं पुष्पार्चन द्वारा किया गया। इस अवसर पर चित्रकूट के आस पास के ब्लॉक की 25 महिलाये जो हंस फाउंडेशन से जुड़कर उद्यमिता एवं स्वरोजगार स्थापित करना चाहती वो इस प्रशिक्षण मे प्रतिभाग कर रही हैं।

इस अवसर पर कार्यक्रम के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ हेमराज द्विवेदी ने बताया की फल एवं सब्जी प्रसंस्करण हमारे जीवन में किस प्रकार उपयोगी है। ग्रामीण स्तर पर उपलब्ध संसाधनो के आधार पर हम कैसे रोजगार का सृजन कर सकते है साथ ही फल एवं सब्जी से बनने वाले उत्पादों की सेल्फ लाइफ को कैसे बढ़ा सकते है। केंद्र के बागवानी वैज्ञानिक डॉ पुष्पेंद्र सिंह गुर्जर द्वारा बागवानी पर प्रकाश डाला गया क्योंकि हंस फाउंडेशन द्वारा नीबू , आम, आंवला के वृक्ष लगवाए जा रहे है तो उनकी बागवानी कैसे करे और यह हमारे लिए लाभ का अवसर कैसे बन सकता है इस बात पर विस्तृत चर्चा की। सस्य  वैज्ञानिक ने बताया की मोटे अनाजों की खेती एवं उससे बनने वाले उत्पादों के बारे मे चर्चा करते हुए बताया कि हम जो भी उत्पाद बनाए उसकी गुणवक्ता का विशेष ध्यान दे।

उद्यमिता विद्यापीठ के खाद्य प्रसंस्करण विभाग के प्रशिक्षक नत्थू कुशवाह ने महिलाओ को संबोधित करते हुए कहा की यहाँ जो भी सिखाया जाए उसे मन लगाकर सीख कर अपने गावं में स्वरोजगार स्थापित कीजिए। हंस फाउंडेशन के संतोष मिश्रा  ने महिलाओं से कहा कि यह आप सभी के लिए अच्छा अवसर है कि दीनदयाल शोध संस्थान कृषि विज्ञान केंद्र मझगवां में फल एवं सब्जी प्रसंस्करण तथा मूल्यवर्धन विषय पर प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर मिला है, यहाँ पर फल एवं सब्जी प्रसंस्करण इकाई में सभी अत्याधुनिक मशीनें है जिनके उपयोग से कम समय मे अधिक उत्पाद तैयार कर सकते है।

कृषि विज्ञान केंद्र पर मुरब्बा गोदने की मशीन, जूस बनाने की, अचार एवं चिप्स बनाने की यूनिट, मिलेट प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित है। जो आप लोगों के लिए लाभगकारी सिद्ध होगा। अतः आप सभी से यही निवेदन है की यहाँ से सबकुछ सीखिए और अपने यहा मूर्तरूप दीजिए। आने वाले दो दिन प्रायोगिक प्रशिक्षण होगा जिसमें अचार, मुरब्बा, पेठा, कैंडी, जैम जेली, प्राकृतिक गुलाल बनाना सिखाया जाएगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ अजय चौरसिया, डॉ सुमित पटेल, सत्यम चौरिहा सहित केंद्र के सुरेन्द्र पयासी, पुनीत गौतम, प्रेम यादव सहित हंस फाउंडेशन से 3 लोग एवं 25 महिलायें उपस्थित रहीं।

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