
पांच दिनों तक चले ग्रामोदय महोत्सव में संपन्न विभिन्न प्रतियोगिताओं के परिणाम घोषित
सांची बौद्ध विश्वविद्यालय के कुलगुरु रहें मुख्य अतिथि, ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलगुरु ने की अध्यक्षता
आज विवेकानंद खुला सभागार में महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय परिसर में पांच दिनों से चल रहे ग्रामोदय महोत्सव के समापन सहित स्थापना दिवस समारोह का भव्य आयोजन किया गया| सांची बौद्ध भारतीय ज्ञान अध्ययन शाला विश्वविद्यालय,भोपाल के कुलगुरु प्रो
बैद्यनाथ लाभ मुख्य अतिथि रहें| अध्यक्षता ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो भरत मिश्रा ने की|
स्थापना दिवस समारोह के दौरान प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों की खूब प्रशंसा हुई | आज सांस्कृतिक कार्यक्रम गतिविधियों की प्रस्तुति की श्रंखला में सरस्वती पूजन, भाव नृत्य, स्वागत गीत, समूह गान, समूह नृत्य, योग प्रदर्शन, आदिवासी नृत्य, राजस्थानी नृत्य, बॉलीवुड मिक्स, मूक अभिनय, मूक नृत्य आदि रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए | सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संयोजन डॉ विवेक फड़नीश और संचालन
ललित कला के छात्र छात्राओं ने किया| इस अवसर पर पांच दिनों तक चले ग्रामोदय महोत्सव में संपन्न विभिन्न प्रतियोगिताओं के परिणाम घोषित किए गए| इस मौके पर डॉ विवेक फड़निश ने सांस्कृतिक स्पर्धाओं के परिणाम की घोषणा की | डॉ अभय कुमार वर्मा ने ललित कला स्पर्धाओं के परिणाम घोषणा की | डॉ ललित कुमार सिंह ने बौध्दिक स्पर्धाओं के परिणाम की घोषणा की |
इस मौके पर कुलगुरु प्रो भरत मिश्रा ने संत रविदास को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने सामाजिक समरसता, भक्ति और मानवता का संदेश दिया। उनका जीवन हमें सिखाता है कि कर्म, सद्भाव और प्रेम के मार्ग पर चलकर समाज में समानता और न्याय स्थापित किया जा सकता है। उनके आदर्शों को अपनाकर एक समतामूलक समाज की स्थापना का संकल्प लें। प्रो मिश्रा ने कहा आज हम सभी ग्रामोदय महोत्सव के इस भव्य और सार्थक आयोजन के समापन अवसर पर एकत्रित हुए हैं। ऊर्जा, उल्लास, उमंग, उन्नयन, उत्कर्ष, उत्साह और उन्मुक्तता के सतरंगी ग्रामोदय महोत्सव सराहना करते हुए कहा आज ही के 12फरवरी 1991, महाशिवरात्रि के दिन विवि की स्थापना, भारत रत्न नानाजी के प्रयास और प्रेरणा से हुई थी |
स्थापना पर्व पर आयोजित ग्रामोदय महोत्सव हमारी सामूहिकता का उद्घोष है, हमारे आत्मबोध का उत्सव है।
आपने साबित किया कि आप क्लास में ही नहीं, कैनवास में भी बेजोड़ हैं, फार्म में ही नही, परफ़ार्म में भी लाजवाब हैं, प्रयोगशाला में ही नहीं,कार्यशालाओं में भी हुनर दिखाते हैं, पढ़ाई में भी हम अव्वल हैं तो, परफार्मेंस में भी। आज ग्रामोदय का उपवन, आपके रस बोध और अभिव्यक्ति कौशल की ख़ुशबू से महकेगा। आप के गीतों से चहकेगा, आप की मनमोहक प्रस्तुतियों से कण कण में स्पंदन होगा। हमारे इस महोत्सव की शुरुआत ग्रामोदय से राष्ट्रोदय संगोष्ठी से हुई, खेलकूद की विभिन्न स्पर्धाओं, बौद्धिक और सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं ने छात्रों में टीम भावना और अनुशासन को बढ़ावा दिया तथा युवाओं में रचनात्मकता और तर्कशीलता को प्रेरित किया। अपना ग्रामोदय महोत्सव खेल, ज्ञान और सशक्तिकरण की त्रिवेणी बना
संस्कृति के सुर, परंपरा के रंग,
हर कोना भरा है उल्लास क संग।
ज्ञान, विज्ञान, कर्म का संगम,
ग्रामोदय का होगा अभिनंदन।
समर्पण और जज़्बा हो तो कोई भी बाधा हमें रोक नहीं सकती।संकल्प और मेहनत से किसी भी परिस्थिति को बदला जा सकता है। उन्होंने कहा कि ग्रामोदय महोत्सव की प्रस्तुतियां वैशिष्ट्य का उत्सव बने, नवाचार का केंद्र बने, जड़ो से जुड़ने का अनुष्ठान बने|
हमारी सामूहिक शक्ति का समूह गान बने| पढ़ाई लिखाई की व्यस्तता और एकरसता से मुक्ति का यह पर्व ग्रामोदय महोत्सव तो है ही,आनदोत्सव भी है। मेरा विश्वास है कि आप जब पढ़ लिख कर दुनिया की हलचल का हिस्सा बन जाएंगे तो यह पल बहुत याद आएंगे। इसलिये सहेज लीजियेगा इन पलों को, इन यादों को, क्योंकि यह पल दुबारा नही मिलने वाला। आप उत्सव का आनंद लें, लेकिन साइड इफेक्ट से बचना है। मनोरंजन में भी संयम और मर्यादा ज़रूरी है, इसका ध्यान रखेंगे। यह महोत्सव केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि हमारे संकल्प की पुनर्पुष्टि है कि ग्रामोदय के माध्यम से हम राष्ट्रोदय की ओर निरंतर अग्रसर रहेंगे।
प्रो मिश्रा ने कहा कि ग्रामोदय महोत्सव जीवन में रस का संचार करें, संवेदनशीलता का भाव भरे, सपनों को साकार करें, राष्ट्रोदय का आधार बने| हमारा ग्रामोदय महोत्सव भी चित्त और चरित्र में ग्रामोदय से राष्ट्रोदय के भाव का पोषक बनें। ग्रामोदय पर्व पर यही कामना है कि उत्साह और उमंग आपके व्यक्तित्व और कृतित्व का स्थायी भाव बने।
कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ| महोत्सव के सह संयोजक डॉ ललित सिंह ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला | ग्रामोदय महोत्सव के मुख्य संयोजक प्रो नंद लाल मिश्रा ने पांच दिनों तक चले ग्रामोदय महोत्सव में संपन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला | कुलसचिव प्रो आर सी त्रिपाठी ने उपस्थित जनों का आभार प्रकट किया | इस अवसर पर ग्रामोदय विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता, निदेशक, विभागाध्यक्ष, अनुभाग प्रमुख, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी और छात्र छात्राओं ने सहभागिता की |