

मातृ बोली , मातृभाषा को जीवित रखते हुए देश की समृद्धि के लिए पहल करें विनोद दिनेश्वर
ग्राम विकास में समरस समाज का विशेष मह्त्व
विद्यार्थियों की प्रतिभा पहचान एवं उचित मंच प्रदान करने की दृष्टि से महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित ग्रामोदय महोत्सव 2025 का शुभारंभ आज वाल्मीकि सभागार में महाकौशल प्रांत प्रमुख विनोद कुमार दिनेश्वर के मुख्य आतिथ्य में आयोजित ग्रामोदय से राष्ट्रोदय विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी के साथ हुआ| अध्यक्षता ग्रामीण विकास एवं प्रबंधन संकाय के अधिष्ठाता प्रो अमरजीत सिंह ने की| इस अवसर पर मुख्य वक्ता श्री विनोद दिनेश्वर ने शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य और समाज के माध्यम से भारत को विश्व गुरु बनने के स्वप्न को साकार करने की झांकी को रेखांकित किया । उन्होंने भारतीय समाज की जीवन शैली, वर्ण जाति व्यवस्था, धर्म संस्कृति को विस्तार से समझाते हुए कहा कि समरस समाज के साकार स्वरूप को अपना कर ग्राम विकास की संकल्पना को यथार्थ का धरातल प्रदान किया जा सकता है। श्री विनोद दिनेश्वर ने देश की समृद्धि में सहायक 6 भ के सिद्धांत की पैरवी करते हुए कहा कि अपनी मातृभाषा, मातृबोली को जीवित रखते हुए देश की समृद्धि की पहल करना चाहिए। उन्होंने देशी ,स्वदेशी अपनाने, हर घर मे गौ पालन, गौ आधारित खेती करने आदि के लाभों को बताते हुए कहा कि ग्राम विकास में इनका विशेष योगदान है।
अध्यक्षता कर रहे प्रो अमरजीत सिंह ने कहा ग्रामोदय शब्द नही बल्कि मंत्र है। उन्होंने ग्रामोदय विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलाधिपति भारत रत्न नाना जी देशमुख के ग्रामोदय संकल्पना को साझा करते हुए बताया कि नाना जी की सोच में निहित गांव मे कोई गरीब न रहे, बेरोज़गारी न रहे, कोई बीमार न पड़े, गांव में कोई विवाद न हो, सभी परस्पर पूरक रहे, स्वच्छ और सुदृढ समाज, सामाजिक समरसता को संयुक्त राष्ट्र संघ ने सतत विकास के लक्ष्यों में समाहित किया है। ग्रामोदय विश्वविद्यालय नाना जी के ग्रामोदय संकल्प के अनुरूप कार्य कर रहा है। इस अवसर पर ग्रामोदय महोत्सव के संयोजक और अधिष्ठाता गण प्रो अमरजीत सिंह, प्रो नंद लाल मिश्रा, प्रो डी पी राय, प्रो एस के चतुर्वेदी, डॉ आंजनेय पांडेय आदि मंचासीन रहे। आभार प्रदर्शन प्रो नंद लाल मिश्रा ने और संचालन डॉ ललित कुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में दीप प्रज्वलन मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता विनोद
दिनेश्वर ने किया।कार्यक्रम में शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी, छात्र छात्राओं ने सहभागिता की
खेलकूद, निबंध, भाषण, सांस्कृतिक , ललित कला प्रतियोगिता हुई
पहले दिन खेल मैदान में खेल कूद के क्रम में दौड़, भाला फेक, गोला फेक प्रतियोगिता संपन्न हुई। संयोजन डॉ विनोद कुमार सिंह ने किया। कला संकाय अंतर्गत हिंदी भवन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति चुनौतियों एवं समाधान विषय पर निबंध प्रतियोगिता तथा भारतीय ज्ञान परंपरा ही हमारी सांस्कृतिक विरासत है ,विषयक भाषण प्रतियोगिता हुई। संयोजन डॉ ललित कुमार सिंह ने किया। विवेकानंद सभागार में सांस्कृतिक प्रतियोगिता और ललित कला प्रतियोगिता आयोजित हुई, संयोजन डॉ विवेक फड़नीस ने किया। छात्र छात्राओं ने इन प्रतियोगिताओ में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। पूरे दिन चले इन कार्यक्रमों में ग्रामोदय विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी मौजूद रहे।