
चित्रकूट जिले में स्थित पवित्र कामदगिरि पर्वत पर 22 जनवरी 2025 को एक ऐतिहासिक आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन उस पल की याद में होगा जब भगवान राम अयोध्या में विराजमान हुए थे और विपिन विराट महाराज ने पर्वत की आरती की थी। इस घटना को एक वर्ष पूरा होने पर भव्य झांकी और पंचकोसी परिक्रमा का आयोजन किया जा रहा है।
झांकी और परिक्रमा का विशेष आयोजन
आयोजन में भगवान श्री राम, लक्ष्मण और माता जानकी की झांकी हाथी-घोड़ों के साथ निकाली जाएगी। कामदगिरि पर्वत की पंचकोसी परिक्रमा में श्रद्धालुओं का विशाल जनसैलाब उमड़ेगा।
विशाल भंडारे का आयोजन
आयोजन के अंतर्गत विशाल भंडारे की भी व्यवस्था की गई है। इसमें 50 कुंतल बूंदी और बंदरों के लिए विशेष रूप से 25 कुंतल गुलगुला तैयार किया जा रहा है। आयोजन समिति ने बताया कि सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में भंडारे का वितरण किया जाएगा।
कामदगिरि पर्वत का महत्व
विपिन विराट महाराज ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि कामदगिरि पर्वत लगभग डेढ़ अरब वर्ष पुराना है। लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों ने इसके ऐतिहासिक महत्व पर शोध किया है। यह स्थान धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अद्वितीय है।
महाराज ने बताया कि जब भगवान श्री राम 14 वर्ष के वनवास के लिए निकले थे, तब उन्होंने 11 साल, 11 महीने और 11 दिन यहीं बिताए। सतयुग में इस स्थान पर ब्रह्मा, विष्णु, महेश आए, त्रेता युग में भगवान राम-सीता और द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने यहां की पवित्रता को नमन किया।
श्रद्धालुओं के लिए निमंत्रण
आयोजन समिति ने सभी श्रद्धालुओं से इस ऐतिहासिक अवसर पर उपस्थित होकर पुण्य अर्जित करने की अपील की है। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारतीय संस्कृति और इतिहास की अद्वितीय धरोहर को पुनर्जीवित करने का प्रयास भी है।