
चित्रकूट जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय चित्रकूट की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा आज जोरावर सिंह और फतेह सिंह के शहादत दिवस के अवसर पर वीर बाल दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक राजकिशोर ने कविता पाठ के माध्यम से वीर बाल दिवस आयोजन के महत्व के बारे में विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि वीर बाल दिवस के अवसर पर जोरावर सिंह और फतेह सिंह का राष्ट्र के प्रति बलिदान हमेशा याद किया जाएगा। मानविकी संकाय के अधिष्ठाता डॉ महेंद्र कुमार उपाध्याय ने अपने अभिभाषण में कहा कि सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह ने धर्म की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। 1699 में गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की. धार्मिक उत्पीड़न से सिख समुदाय के लोगों की रक्षा करने के उद्देश्य से इसकी स्थापना की गई थी। इस कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम अधिकारी श्री जितेन्द्र प्रताप सिंह ने किया। कार्यक्रम में डॉ0 हरिकांत मिश्रा, डॉ0 निहार रंजन मिश्र, डॉ0 रजनीश कुमार सिंह, डॉ0 प्रमिला मिश्रा, डॉ0 नीतू तिवारी व कार्यक्रम समन्वय डॉ0 आनन्द कुमार सहित एवं सभी शिक्षकबृन्द व राष्ट्रीय सेवा योजना के विद्यार्थी उपस्थित रहे।