April 21, 2025 6:16 am

चित्रकूट डॉ प्रमोद अग्रवाल का यह कार्य समाज के लिए प्रेरणादायक है

चित्रकूट: कहते हैं कि डॉक्टर धरती पर भगवान का रूप होते हैं,और इस कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं चित्रकूट के गीता क्लीनिक के डॉक्टर प्रमोद अग्रवाल मानवता की अनूठी मिसाल पेश करते हुए उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ में आने और जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए निःशुल्क चिकित्सा सेवा का बीड़ा उठाया है.वह न केवल परामर्श बल्कि अपने खर्चे पर दवाइयां भी निशुल्क उपलब्ध कराकर वे सच्ची सेवा भावना का परिचय दे रहे हैं.

चित्रकूट के NH-35 पर स्थित उनकी क्लीनिक,

बता दे कि झांसी-प्रयागराज मार्ग पर होने के कारण प्रतिदिन कई मरीजों को निःशुल्क इलाज मिल रहा है,हालांकि उन्होंने अपनी क्लीनिक के बाहर निःशुल्क इलाज का कोई बोर्ड नहीं लगाया,लेकिन उनके नेक कार्यों की चर्चा इतनी है कि लोग खुद-ब-खुद वहां पहुंच जाते हैं.और अपना नि शुल्क में इलाज करवा रहे है.

डॉक्टर ने क्यों उठाया यह कदम?

डॉ. प्रमोद अग्रवाल ने  बताया कि
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सेवा करने के कई तरीके हैं.कई लोग भोजन और पानी की सेवा कर रहे थे।,जिनमें मैं भी शामिल था लेकिन मैंने सोचा कि मैं अपने पेशे के माध्यम से इस पुण्य कार्य में योगदान दूं,इसलिए मैंने निःशुल्क इलाज और दवा देने का फैसला किया,जब हमें डॉक्टर की डिग्री मिलती है, तब यही सिखाया जाता है कि मानव सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है.14 जनवरी से शुरू की गई यह मुहिम 26 फरवरी तक जारी रहेगी.अब तक मेरे द्वारा 250 से 300 मरीजों का निःशुल्क इलाज कर चुके हैं.

हर अमावस्या पर जारी रहेगा यह सेवा कार्य

डॉ. अग्रवाल ने आगे बताया कि महाकुंभ के अलावा चित्रकूट में अमावस्या के दौरान लगने वाले मेलों में भी वे अपनी यह सेवा जारी रखते हैं. दूर-दराज से आने वाले गरीब श्रद्धालु जब बीमार पड़ते हैं, तो वे महंगे इलाज के बारे में सोच भी नहीं सकते। ऐसे में, उनकी सेवा करना ही उनका संकल्प है।

बीमार श्रद्धालु की बदली किस्मत

मध्य प्रदेश के खजुराहो जिले के एक छोटे से गांव से महाकुंभ स्नान कर लौट रहे श्रद्धालु विनोद पाल की अचानक तबीयत बिगड़ गई। यात्रा के दौरान उचित चिकित्सा न मिलने के कारण उनकी हालत खराब हो गई। इस बीच, उन्हें किसी ने गीता क्लीनिक जाने की सलाह दी।

विनोद पाल ने डॉक्टर अग्रवाल की निःस्वार्थ सेवा के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा,
“दुनिया में आज भी ऐसे लोग हैं, जो बिना किसी स्वार्थ के सेवा में लगे हुए हैं। डॉक्टर साहब ने सिर्फ इलाज नहीं किया, बल्कि दवाइयां भी मुफ्त में दीं। मैं उन्हें कोटि-कोटि धन्यवाद देता हूं।”

समाज के लिए एक प्रेरणा

डॉ. प्रमोद अग्रवाल का यह कार्य समाज के लिए प्रेरणादायक है। उनकी सेवा भावना बताती है कि जब इंसान निस्वार्थ भाव से जरूरतमंदों की मदद करता है, तो वह किसी देवदूत से कम नहीं होता। उनके इस योगदान से न केवल मरीजों को राहत मिल रही है, बल्कि चिकित्सा क्षेत्र में मानवता की मिसाल भी कायम हो रही है।

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