
चित्रकूट जिले में दो अलग-अलग घटनाओं ने क्षेत्र को शोक में डाल दिया है। एक ओर जहां ट्रेन और स्टेशन पर वेंडर का काम करने वाले युवक की पेटदर्द के चलते मौत हो गई, वहीं दूसरी ओर सात माह के मासूम ने बुखार के कारण दम तोड़ दिया।
वेंडर की इलाज के अभाव में मौत
मानिकपुर थाना क्षेत्र के गढवा निवासी 30 वर्षीय राजू, जो ट्रेन और स्टेशन पर वेंडर का काम करता था, दो दिनों से पेटदर्द से जूझ रहा था। उसकी मां माया देवी ने बताया कि जब वह शनिवार को गुढवा गांव पहुंची, तो बेटे की हालत बेहद खराब थी। परिजनों ने उसे अस्पताल ले जाने के बजाय मेडिकल स्टोर से दवा दिलाई थी।
हालत बिगड़ने पर माया देवी उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंची, लेकिन इलाज के दौरान राजू की मौत हो गई। मृतक राजू की दो छोटी बेटियां हैं, जो अब अनाथ हो गईं। परिवार का कहना है कि सही समय पर इलाज मिल जाता तो राजू की जान बचाई जा सकती थी।
सात माह के मासूम की मौत से गमजदा परिवार
दूसरी घटना में शहर के पुरानी बाजार निवासी अमित कुमार के सात माह के बेटे अनमोल की हालत बुखार और कमजोरी के चलते बिगड़ गई थी। परिवार ने रविवार को उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
इलाज में लापरवाही से उठा सवाल
दोनों मामलों ने इलाज में लापरवाही और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिजनों का कहना है कि समय पर उचित इलाज मिलता तो दोनों की जान बचाई जा सकती थी। इन घटनाओं से इलाके में गम और आक्रोश का माहौल है।