चित्रकूट: प्रयागराज में महाकुंभ के पावन स्नान के बाद श्रद्धालुओं की भारी भीड़ चित्रकूट की धार्मिक नगरी में उमड़ पड़ी है, रामघाट की मंदाकिनी नदी में स्नान करने के बाद श्रद्धालु यहां नाव की सैर करने का विशेष आनंद लेना चाहते हैं, लेकिन बढ़ती भीड़ का लाभ उठाकर कुछ नाविक श्रद्धालुओं से मनमाना किराया वसूल रहे थे.इस पर संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है,अब मंदाकिनी नदी में नाव की सैर का किराया प्रशासन ने निर्धारित कर दिया है।
किराया होगा 50 रुपये प्रति व्यक्ति
बता दे कि चित्रकूट के डीएम व एसपी ने रामघाट पर निरीक्षण किया और नाविकों के साथ बैठक कर स्पष्ट निर्देश दिए है. प्रशासन ने आदेश जारी करते हुए कहा कि अब प्रत्येक श्रद्धालु से नाव सवारी का किराया 50 रुपये से अधिक नहीं लिया जाएगा.अगर कोई नाविक इससे अधिक रकम वसूलता है तो उसकी नाव जब्त कर ली जाएगी.
नाविकों पर सख्ती के निर्देश
चित्रकूट के एसपी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि उन्हें लगातार नाविकों द्वारा मनमाना किराया वसूलने की शिकायतें मिल रही थीं। निरीक्षण के दौरान उन्होंने नाविकों को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी श्रद्धालु से 50 रुपये से अधिक न लिया जाए। यदि कोई नाविक इस नियम का उल्लंघन करता है तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।
श्रद्धालुओं ने की सराहना
प्रशासन के इस फैसले से श्रद्धालुओं ने राहत की सांस ली है। एक श्रद्धालु ने बताया, “यहां नाविक हमसे 100 से 150 रुपये तक वसूल रहे थे। प्रशासन का यह कदम बहुत अच्छा है। अब हमें बिना किसी चिंता के मंदाकिनी नदी की सैर का आनंद मिल सकेगा।”
नाविकों की प्रतिक्रिया
कुछ नाविकों ने प्रशासन के इस फैसले का स्वागत किया, जबकि कुछ ने इसे व्यापार में बाधा बताया। एक नाविक ने कहा, “भीड़ ज्यादा है और हमें नाव चलाने में मेहनत भी ज्यादा करनी पड़ती है। किराया फिक्स करने से हमारी कमाई पर असर पड़ेगा।”
चित्रकूट की बढ़ती लोकप्रियता
महाकुंभ के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी से चित्रकूट में पर्यटन को भी बढ़ावा मिला है। मंदाकिनी नदी की सैर, रामघाट पर धार्मिक गतिविधियां, और आसपास के ऐतिहासिक स्थलों की वजह से यह पावन नगरी श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर रही है।
प्रशासन के इस कदम से जहां श्रद्धालुओं को राहत मिली है, वहीं धार्मिक नगरी में व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह निर्णय महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।