भगवान श्री राम की तपोस्थली चित्रकूट में मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर आपको बता दे कि ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन ब्रह्म बेला में गंगा स्नान करने का विशेष महत्व होता है
इस दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति के सारे जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती हैं
इस दिन तिल का उबटन या जल में तिल डालकर स्नान करने से सारे प्रकार के रोग दोष से मुक्ति मिल जाती है। इस शुभ दिन पर गंगा की पवित्र धाराओं में स्नान कर दान पुण्य करने से आत्मा को शांति और पवित्रता का अनुभव होता है.जिसके चलते भगवान श्री राम की तपो स्थली चित्रकूट में लाखों की तादाद में श्रद्धालुओं ने सुबह से मंदाकिनी नदी में आस्था की डुबकी लगाई है और गरीबों को खिचड़ी तिल अमरुद कम्बल दान कर पुण्य लाभ कमा रहे है और कामतानाथ मंदिर के दर्शन पूजन कर परिक्रमा लगा रहे है। श्रद्धालुओं का कहना है कि जहाँ प्रभु श्री राम ने वनवास किया हो और जिस स्थान पर स्नान किया हो उस जगह पर स्नान करने से ही सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं चित्रकूट में भी कुम्भ जैसा ही माहौल लगा रहा है इतनी ठण्ड में भी
बड़ी संख्या में लोग गंगा स्नान कर पुण्य लाभ कमा रहे है आज के दिन गंगा स्नान करने के बाद दान पुण्य करने से ग्रहों को शांति मिलती है इसीलिए लोग आज के दिन दान पुण्य करते है कुछ श्रद्धांलुओं का कहना है कि वह प्रयागराज स्नान के लिए जा रहे थे लेकिन भीड़ के चलते उन्हें रास्ते में रोक दिया गया जिसकी वज़ह से वह
चित्रकूट में ही स्नान किये है क्यों कि यहाँ का भी विशेष महत्व है क्यों कि यहाँ भगवान श्रीराम ने वनवास किया था इसलिए उनको प्रयागराज जैसे ही दर्शन पूजन करने की अनुभूति हो रही है।