April 21, 2025 6:10 am

30 साल आपके साथ रहकर नहीं बदले तो कांग्रेस के गठबंधन में कैसे बदलेंगे? उद्धव ठाकरे ने साधा BJP पर निशाना

मुंबई. शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष एवं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी ने बीजेपी के साथ 30 साल तक गठबंधन में रहने के बावजूद अपनी पहचान नहीं खोई तो अब उसके कांग्रेस में बदल जाने का सवाल ही नहीं उठता. शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ने 20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले कलमनुरी, हिंगोली और वासमत विधानसभा क्षेत्रों से विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए हिंगोली में आयोजित एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए यह कहा. भाजपा ने शिवसेना (यूबीटी) की आलोचना करते हुए कहा था कि उद्धव की पार्टी कांग्रेस का ही दूसरा संस्करण बन गई है. इसका जवाब देते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी कई साल तक भाजपा की सहयोगी रही, लेकिन उसने अपनी पहचान नहीं खोई.

उद्धव ठाकरे ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह यहां आते हैं और लोगों से कहते हैं कि हमने (शिवसेना-यूबीटी ने) बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को त्याग दिया है. मैंने विचारधारा नहीं छोड़ी, मैंने भाजपा छोड़ी है. भाजपा बाल ठाकरे के विचार नहीं हैं.’ ठाकरे ने कहा कि ‘शिवसेना कांग्रेस कैसे बन सकती है? कांग्रेस हमारे साथ है. शिवसेना 25-30 साल तक भाजपा के साथ रहने के बावजूद भाजपा नहीं बन पाई. वह कांग्रेस कैसे बन सकती है?’ उन्होंने 2019 में भाजपा से नाता तोड़कर कांग्रेस और (तब अविभाजित) राकांपा से हाथ मिला लिया था. भाजपा के नारे ‘एक है तो ‘सेफ’ है’ पर ठाकरे ने कहा कि ‘हम पहले से ही एकजुट हैं, हम साथ रहकर भाजपा का सफाया कर देंगे.’

राज्य के उद्योगों को गुजरात भेजा जा रहा
विपक्ष का दावा है कि महाराष्ट्र के लिए बनाई गई बड़ी औद्योगिक परियोजनाओं को गुजरात भेजा जा रहा है. उन्होंने इसका जिक्र करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में चुनाव होने के बावजूद गुजरात में टाटा एयरबस परियोजना का धूमधाम से उद्घाटन किया गया. ठाकरे ने कहा कि कलमनुरी से मौजूदा विधायक और एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के उम्मीदवार संतोष बांगर ने उनसे उस समय मुलाकात की थी, जब वह मुख्यमंत्री थे और कोरोनावायरस संक्रमण से पीड़ित थे. शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ने जून 2022 में पार्टी में विभाजन का जिक्र करते हुए कहा कि ‘वह रो रहे थे और अगले दिन मैंने देखा कि वह वहां (शिंदे खेमे) चले गए. मुझे उनके पापों के बारे में बाद में पता चला.’ ठाकरे ने दावा किया कि उनकी सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान लोगों का ख्याल रखा.

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मराठा आरक्षण का वादा
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘महाराष्ट्र अपने लोगों की देखभाल करने के मामले में (महामारी के दौरान) नंबर वन पर रहा. कुछ लोग दावा करते हैं कि मैं घर पर बैठा था, लेकिन मैं वहीं से लोगों की देखभाल कर रहा था. इन चोरों ने हमारे साथ विश्वासघात किया. अगर हमें पूरा कार्यकाल मिलता तो कोई भी मांग अधूरी नहीं रहती. हर काम पूरा हो जाता.’ उद्धव नीत एमवीए की सरकार शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में बगावत होने के बाद गिर गई थी. शिवसेना(यूबीटी) अध्यक्ष ने कहा कि अगर उनकी सरकार बनी तो महा विकास आघाडी आरक्षण की सीमा बढ़ाने के लिए एक प्रस्ताव पारित करेगी और इसे केंद्र सरकार को भेजेगी. उन्होंने कहा कि ‘जो लोग दिल्ली में बैठे हैं, वे इस मुद्दे को सुलझा सकते हैं.’ उल्लेखनीय है कि मराठा समुदाय के कुछ नेता आरक्षण की मौजूदा 50 प्रतिशत की सीमा को हटाना चाहते हैं ताकि उनके समुदाय को भी आरक्षण के दायरे में लाया जा सके.

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