
सीधी । लोकायुक्त टीम ने मझौली तहसील के नायब तहसीलदार बाल्मीकि प्रसाद साकेत को 25 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा। यह रिश्वत एक किसान से जमीन के नामांतरण के लिए मांगी गई थी। शिकायतकर्ता ने पहले 50 हजार रुपये की मांग की थी, लेकिन बाद में 25 हजार रुपये में सौदा तय हो गया था।
लोकायुक्त की 12 सदस्यीय टीम ने की कार्रवाई
लोकायुक्त रीवा टीम ने 12 सदस्यीय एक विशेष दल का गठन किया और शनिवार को मझौली तहसील में छापा मारा। तहसील कार्यालय में हमेशा रिश्वतखोरी की खबरें आती रही हैं, और एक बार फिर शनिवार को यहां की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे। लोकायुक्त ने नायब तहसीलदार को रंगे हाथ पकड़ा और कार्रवाई के बाद से तहसील कार्यालय में हड़कंप मच गया।
50 हजार रुपये की रिश्वत की मांग
प्रवेश शुक्ला, जो सरैहा, ठोंगा का निवासी है, ने लोकायुक्त कार्यालय रीवा में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में प्रवेश ने बताया कि नायब तहसीलदार ने जमीन के नामांतरण के एवज में 50 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी। बाद में यह राशि 25 हजार रुपये में तय हो गई। लोकायुक्त ने इसकी जांच की और पाया कि नायब तहसीलदार द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही थी।
रंगे हाथों पकड़ा गया नायब तहसीलदार
लोकायुक्त ने शनिवार को जाल बिछाया और जैसे ही प्रवेश शुक्ला ने नायब तहसीलदार के शासकीय आवास में 25 हजार रुपये रिश्वत दी, लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। जिन नोटों को जब्त किया गया, वे पांच-पांच सौ रुपये के 50 नोट थे। इस कार्रवाई के तहत भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
लोकायुक्त के डीएसपी ने क्या कहा?
प्रवेंद्र सिंह, लोकायुक्त रीवा के डीएसपी ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा, “नामांतरण के लिए प्रभारी नायाब तहसीलदार द्वारा 25 हजार रुपये रिश्वत की मांग की गई थी। शिकायत के आधार पर शनिवार को नायाब तहसीलदार के शासकीय आवास में ट्रैप की कार्रवाई की गई और रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया।”
लोकायुक्त की इस कार्रवाई से न केवल मझौली तहसील बल्कि पूरे जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत संदेश गया है।