
दिनांक: 18 दिसंबर 2024
Mauganj:नगर में बढ़ते प्रेशर हॉर्न का इस्तेमाल लोगों के लिए एक बड़ी परेशानी बन चुका है। सड़कों पर चलने वाले वाहन चालक अब ध्वनि प्रदूषण का मुख्य कारण बन चुके हैं, जो न केवल शहरी जीवन को कठिन बना रहा है, बल्कि नागरिकों की मानसिक स्थिति पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।
नगरवासियों के अनुसार, मुख्य सड़कों और बाजारों में यातायात की भीड़ बढ़ने के साथ ही प्रेशर हॉर्न की आवाज से निजात पाना मुश्किल हो गया है। यह समस्या खासतौर पर स्कूलों के पास, अस्पतालों के निकट और रिहायशी इलाकों में अधिक सुनाई देती है। लोग इस ध्वनि प्रदूषण से मानसिक तनाव और सिरदर्द जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। सड़क पर दौड़ रहे कुछ हाईवे और बसों के प्रेशर हॉर्न से लोगों की धड़कनें तक तेज हो जाती हैं।
स्थानीय निवासी अरुणा तिवारी ने बताया, “हम दिनभर प्रेशर हॉर्न की तेज आवाज से परेशान हो चुके हैं। खासकर सुबह और शाम के समय जब हम घर के काम में व्यस्त होते हैं, तो बाहर की आवाजों से पूरा वातावरण असहनीय हो जाता है।”
शहर के अस्पतालों में भी इस समस्या को लेकर चिंता जताई जा रही है। डॉक्टरों के अनुसार, लगातार तेज आवाजों के संपर्क में आने से हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और तनाव जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। डॉ. राजेश यादव ने कहा, “ध्वनि प्रदूषण से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। यह विशेष रूप से बुजुर्गों और बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है।”
जिला प्रशासन द्वारा इस समस्या को लेकर कोई ठोस कदम उठाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। कुछ नागरिक संगठन इस विषय में प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। शहरी विकास विशेषज्ञ और पर्यावरणविद् डॉ. अंजलि मिश्रा ने कहा, “प्रेशर हॉर्न के इस्तेमाल पर प्रतिबंध और चालान की व्यवस्था सख्ती से लागू की जानी चाहिए। इसके साथ ही लोग जागरूक हों, तभी हम इस ध्वनि प्रदूषण पर काबू पा सकते हैं।”
हालांकि, कुछ वाहन चालक इसे अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी मानते हैं और उनका कहना है कि भारी ट्रैफिक में प्रेशर हॉर्न का उपयोग जरूरी होता है। वाहन चालक आरिफ खान ने कहा, “कभी-कभी प्रेशर हॉर्न की आवाज ही अन्य वाहन चालकों को सतर्क करने का काम करती है, और यह सड़क दुर्घटनाओं से बचाव में मदद करती है।”
नगर प्रशासन ने इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने का आश्वासन दिया है और जल्द ही सड़क पर प्रेशर हॉर्न के इस्तेमाल को नियंत्रित करने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी करने की योजना बनाई जा रही है।
आगे की राह:
प्रशासन को चाहिए कि वह न केवल यातायात नियमों को सख्ती से लागू करे, बल्कि लोगों में ध्वनि प्रदूषण के खतरों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अभियान भी चलाए। तभी यह समस्या हल हो सकती है और नगरवासियों को शांति और स्वास्थ्यपूर्ण जीवन जीने का मौका मिल सकेगा।