भोपाल,MP। मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) ने इस बार बोर्ड परीक्षा में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में केंद्राध्यक्ष और सहायक केंद्राध्यक्ष की नियुक्ति अब मशीन के जरिए होगी। यह निर्णय परीक्षा में नकल रोकने और प्रश्नपत्र लीक की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए लिया गया है।
25 फरवरी से शुरू होंगी परीक्षाएं
माशिमं की 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाएं 25 फरवरी 2024 से शुरू होंगी। इस बार परीक्षा केंद्रों पर तैनाती को लेकर कोई अधिकारी या कर्मचारी मनमानी नहीं कर सकेगा। बोर्ड ने केंद्राध्यक्ष और सहायक केंद्राध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया को पूरी तरह से स्वचालित कर दिया है।
कैसे होगी नियुक्ति?
- जिला स्तरीय सूची तैयार होगी: योग्य शिक्षकों की एक सूची जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा अनुमोदित की जाएगी।
- सॉफ्टवेयर करेगा चयन: इस सूची को जिला सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जाएगा। सॉफ्टवेयर रैंडम पद्धति से शिक्षकों को परीक्षा केंद्रों पर तैनात करेगा।
- जुड़तोड़ होगी खत्म: इस प्रक्रिया से किसी खास केंद्र पर तैनाती के लिए होने वाली सिफारिशों और जोड़तोड़ पर रोक लग जाएगी।
जिनके बच्चे परीक्षा में शामिल, उन्हें नहीं मिलेगी जिम्मेदारी
बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि जिन शिक्षकों के बच्चे इस साल बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे, उन्हें पर्यवेक्षक या केंद्राध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा।
- बीमार शिक्षकों को राहत: गंभीर बीमारी से पीड़ित शिक्षकों को परीक्षा कार्य में नहीं लगाया जाएगा।
- विषय विशेषज्ञता का ध्यान: उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों को उनके विषय से संबंधित प्रश्नपत्रों की ड्यूटी नहीं दी जाएगी।
पिछले रिकॉर्ड के आधार पर भी चयन
- सामूहिक नकल के केंद्रों पर रोक: पिछले वर्षों में सामूहिक नकल वाले परीक्षा केंद्रों पर तैनात केंद्राध्यक्षों को इस साल परीक्षा कार्य से बाहर रखा जाएगा।
- गोपनीयता भंग करने वालों पर सख्ती: गोपनीयता भंग करने या लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों को भी इस बार परीक्षा ड्यूटी से वंचित रखा जाएगा।
- डिबार शिक्षकों पर प्रतिबंध: माशिमं द्वारा डिबार किए गए शिक्षकों और प्राचार्यों को भी इस बार परीक्षा कार्य में शामिल नहीं किया जाएगा।
सुविधाजनक केंद्रों की मांग पर रोक
पिछली परीक्षाओं में यह देखा गया था कि कई शिक्षक और कर्मचारी सुविधाजनक या नजदीकी केंद्रों पर ड्यूटी पाने के लिए सिफारिशें करते थे। लेकिन अब सॉफ्टवेयर आधारित चयन प्रणाली के कारण यह प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष हो जाएगी।
निष्पक्षता पर जोर
माशिमं का यह कदम परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव है। इससे न केवल नकल और प्रश्नपत्र लीक की घटनाओं पर रोक लगेगी, बल्कि योग्य और जिम्मेदार शिक्षकों की तैनाती भी सुनिश्चित होगी।
क्या कहता है पेट्रोल न्यूज़?
इस नई प्रणाली से बोर्ड परीक्षाओं में पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, परीक्षा प्रक्रिया में शामिल सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकेगी।