चित्रकूट जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र के ऐतिहासिक और पावन स्थल राम सैया में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। यह वही स्थान है, जहां वनवास के दौरान मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने माता सीता के साथ विश्राम किया था। कथा का आयोजन प्रसिद्ध कथा व्यास विकास शुक्ला द्वारा किया जा रहा है।
श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन कथा वाचक ने भगवान के अवतारों, सती चरित्र, ध्रुव चरित्र, कपिल चरित्र, नृसिंह अवतार, और भक्त प्रह्लाद की कथा का सुंदर वर्णन किया। साथ ही उन्होंने भगवान की महिमा बताते हुए कहा, “भगवान की कृपा से ही मानव जीवन का सौभाग्य मिलता है। केवल भगवान का नाम लेने मात्र से ही व्यक्ति भवसागर से पार हो सकता है।”
भक्ति के मार्ग की ओर प्रेरित करते हुए कथा वाचक ने दिए महत्वपूर्ण संदेश
– भगवान के प्रति पूरी निष्ठा और निर्लिप्त भाव से भक्ति करनी चाहिए।
– क्रोध, लोभ, मोह, हिंसा, और संग्रह का त्याग कर विवेक के साथ श्रेष्ठ कर्म करना चाहिए।
– सत्संग और भगवत कीर्तन से जीवन को सार्थक बनाया जा सकता है।
– भगवान सब जानते हैं, इसलिए उनसे विवेकपूर्ण तरीके से ही प्रार्थना करनी चाहिए।
राम सैया स्थान पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। भजन-कीर्तन और भगवान की कथाओं से वातावरण भक्तिमय हो उठा है। आयोजन स्थल पर स्थानीय निवासियों सहित दूर-दूर से आए श्रद्धालु अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं।
“राम सैया का पावन स्थल भक्तों को कर रहा है भाव-विभोर”
भक्तगण इस आयोजन को एक आध्यात्मिक अनुभव के रूप में देख रहे हैं। कथा स्थल पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। भक्तों के अनुसार, यह आयोजन उनकी आत्मा को शांति और भक्ति के मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रहा है।
चित्रकूट की पावन धरती पर हो रही यह कथा न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है। श्रीमद् भागवत कथा के माध्यम से भक्तों का जुड़ाव भगवान की लीला और उनके नाम की महिमा से हो रहा है।