Jeetu Patwari had threatened the TI from the stage:
टीकमगढ़ में जीतू पटवारी की मंचीय धमकी का पलटा असर, जिसे बताया पीड़ित, उसी पर दर्ज हुआ हत्या का केस

टीकमगढ़। नेताओं द्वारा मंच से अधिकारीयों को धमकाना और पीड़ित की पैरवी करना अब आम हो गया है, लेकिन जब हकीकत कुछ और निकल जाए तो पूरा मामला पलट जाता है। टीकमगढ़ में ऐसा ही एक वाकया सामने आया, जहां कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने जिसे मंच से पीड़ित बता कर TI (टीआई) को फोन पर जमकर फटकार लगाई थी, अब वही व्यक्ति हत्या का आरोपी निकला है।
13 अप्रैल को हुई थी हत्या, 17 को हुआ था मंचीय ड्रामा
जतारा थाना क्षेत्र के उदयपुरा गांव में 13 अप्रैल को तुलाराम प्रजापति (45) का शव एक चबूतरे पर संदिग्ध अवस्था में मिला था। परिजनों ने हत्या की आशंका जताई और तीन लोगों पर संदेह जाहिर किया। पुलिस ने प्रारंभिक जांच के आधार पर पूछताछ की, लेकिन कोई ठोस सबूत न मिलने पर आगे की जांच जारी रखी गई।
17 अप्रैल को कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी टीकमगढ़ में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे। इसी दौरान मृतक की पत्नी और भतीजा घनेंद्र प्रजापति कार्यक्रम स्थल शहनाई गार्डन पहुंचे। स्थानीय नेताओं ने दलित परिवार होने के चलते उन्हें मंच तक पहुंचाया और बात कांग्रेस नेता तक पहुंचाई।
पटवारी ने फोन पर टीआई को लताड़ा था
कार्यक्रम के दौरान मंच से ही जीतू पटवारी ने जतारा थाना प्रभारी रवि भूषण पाठक को फोन लगाया और पूछा – “हत्या हुए इतने दिन हो गए, आरोपी अभी तक क्यों नहीं पकड़े गए?” इस पर टीआई ने कहा कि जिन पर शक था, उनसे पूछताछ हो चुकी है। बावजूद इसके पटवारी ने धमकी भरे लहजे में कहा कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे खुद टीम लेकर थाना घेराव करेंगे। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और पटवारी का रवैया चर्चा का विषय बन गया।
पर्दाफाश में सामने आई सच्चाई – आरोपी निकले वही ‘पीड़ित’
अब इस केस में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस जांच में पता चला कि हत्या जमीन विवाद के चलते हुई थी और इसमें संलिप्त वही लोग हैं जो मंच से खुद को पीड़ित बता रहे थे। जतारा एसडीओपी अभिषेक गौतम ने जानकारी दी कि मृतक का भतीजा घनेंद्र प्रजापति और उसका पिता सियाराम प्रजापति हत्या में शामिल थे। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त लोहे की छड़ (सब्बल) भी जब्त कर ली है।
पुलिस के अनुसार जमीन को लेकर परिवार में विवाद चल रहा था। साथ ही भतीजे की पत्नी से छेड़छाड़ का मुद्दा भी था, जिसको लेकर यह रंजिश हत्या में बदल गई।
विवाद में कांग्रेस नेता की भूमिका पर उठे सवाल
अब जब आरोपी खुद वही निकले जिनके कहने पर मंच से पुलिस पर दबाव बनाया गया, तो सवाल कांग्रेस नेता जीतू पटवारी के उस रवैये पर उठने लगे हैं जिसमें बिना जांच के ही अधिकारी को धमकाया गया और मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की गई।
स्थानीय लोग अब इस घटनाक्रम को लेकर चिंतित हैं और नेताओं से अपेक्षा कर रहे हैं कि वे बिना तथ्यों की जांच किए किसी पर दबाव न बनाएं। साथ ही पुलिस को भी निष्पक्ष तरीके से जांच करते हुए ऐसे मामलों में सख्ती से पेश आना चाहिए ताकि कोई भी राजनीतिक दबाव में आकर कानून का उल्लंघन न कर सके।