
MP भोपाल। मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने सरकारी शिक्षा तंत्र की खामियों को उजागर करते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने सार्वजनिक मंच से स्वीकार किया कि प्रदेश में कई सरकारी शिक्षक अपनी जिम्मेदारी खुद निभाने के बजाय 10-12 हजार रुपये में किराए पर टीचर लगाकर स्कूल चला रहे हैं। रायसेन जिले के बरेली कस्बे में बुधवार को आयोजित सुशासन दिवस कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने यह खुलासा किया। उनके इस बयान से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।
मंत्री का बयान: 500 शिक्षक किराए पर रख रहे लोग
शिक्षा मंत्री ने कहा, “मैं प्रदेश में ऐसे 500 शिक्षकों को व्यक्तिगत रूप से जानता हूं, जिन्होंने किराए पर शिक्षक लगा रखे हैं। इनमें से 100 शिक्षक तो मेरे अपने जिले के ही हैं।” उन्होंने आगे कहा कि सरकारी शिक्षा तंत्र में 100 प्रतिशत शिक्षकों में से 10-12 प्रतिशत ऐसे हैं, जिनकी वजह से पूरा विभाग बदनाम हो रहा है।
10-12 हजार में लग रहे ‘किराए के शिक्षक’
मंत्री ने कहा कि कई सरकारी शिक्षक अपनी जिम्मेदारी निभाने के बजाय कम वेतन पर दूसरों को पढ़ाने के लिए लगा देते हैं। उन्होंने पुलिस विभाग की तुलना करते हुए कहा, “अगर मैं शिक्षकों के करीब नहीं होता तो सिपाही के प्रति आदर का भाव पैदा नहीं होता। सिपाही 24 घंटे, 365 दिन ड्यूटी पर रहते हैं, जबकि शिक्षक 10-12 हजार रुपये में किराए के शिक्षक रखकर आराम कर रहे हैं।”
सरकारी स्कूलों में घटती बच्चों की संख्या पर चिंता
मंत्री राव ने सरकारी स्कूलों में बच्चों की घटती संख्या पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकारी स्कूल खाली हो रहे हैं, तो दूसरी तरफ प्राइवेट स्कूलों में फीस के बावजूद बच्चों की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने उपस्थित शिक्षकों से पूछा, “कितने शिक्षक ऐसे हैं, जिनके बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं?” लेकिन कोई भी शिक्षक हाथ उठाने की हिम्मत नहीं कर पाया।
कांग्रेस का पलटवार: “शर्म की बात”
शिक्षा मंत्री के इस बयान पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री खुद कबूल कर रहे हैं कि 500 शिक्षक स्कूल नहीं जाते और किराए पर लोग पढ़ा रहे हैं। यह शर्म की बात है।” उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को टैग करते हुए सवाल किया कि “जब आपको यह जानकारी है, तो अब तक दोषियों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई?”
शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल
मंत्री के इस बयान ने सरकारी शिक्षा तंत्र की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शिक्षकों की जिम्मेदारी से पलायन और शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट पर चर्चा तेज हो गई है।
विभाग में मचा हड़कंप
मंत्री के बयान के बाद शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। सूत्रों के अनुसार, सरकार अब उन शिक्षकों की सूची तैयार कर रही है, जो अपने स्थान पर किराए के शिक्षक लगा रहे हैं। शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि दोषी शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
आगे क्या?
मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह के इस बयान ने शिक्षा तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार और लापरवाही को उजागर कर दिया है। अब देखना यह होगा कि सरकार दोषियों पर कार्रवाई करती है या यह बयान भी अन्य घोषणाओं की तरह केवल मंच तक ही सीमित रह जाएगा।