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रीवा, 10 मार्च 2025। रीवा के संजय गांधी अस्पताल में एक्स-रे रिपोर्ट मांगने पर युवक की पिटाई का मामला सामने आया था, जिसे पेट्रोल न्यूज़ ने प्रमुखता से प्रकाशित किया। खबर के बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आया और चार कर्मचारियों को निलंबित कर जांच कमेटी गठित कर दी गई।
क्या है पूरा मामला?
सीधी जिले के बघवार निवासी देवेंद्र शुक्ला अपनी मां के इलाज के लिए 8 मार्च को संजय गांधी अस्पताल पहुंचे थे। जब वे एक्स-रे करवाने पहुंचे तो अस्पताल के कर्मचारी बार-बार अलग-अलग कमरों में भेजते रहे। काफी देर तक भटकाने के बाद मां का एक्स-रे हुआ, लेकिन रिपोर्ट देने में देरी की जाने लगी। जब युवक ने इसका विरोध किया तो विवाद बढ़ गया और अस्पताल कर्मचारियों ने उसे कमरे में बंद कर पीटा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
डॉ. राहुल मिश्रा ने दिखाई संवेदनशीलता
घटना के बाद अस्पताल अधीक्षक डॉ. राहुल मिश्रा ने मामले को गंभीरता से लिया और तत्काल चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया। उन्होंने जांच कमेटी का गठन कर दो दिनों के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। डॉ. मिश्रा की इस त्वरित कार्रवाई से साफ है कि वह एक संवेदनशील और जिम्मेदार डॉक्टर हैं, जो मरीजों और उनके परिजनों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अस्पताल प्रशासन की सफाई
अस्पताल के सीएमओ डॉ. यतनेश त्रिपाठी ने कहा कि एक्स-रे रूम में मारपीट की घटना हुई थी, जिसे गंभीरता से लिया गया है। प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है और आगे की कार्रवाई जांच रिपोर्ट के आधार पर की जाएगी।
पुलिस और सुरक्षा पर सवाल
इस घटना के बाद अस्पताल में सुरक्षा इंतजामों पर सवाल उठने लगे हैं। प्रशासन का कहना है कि जरूरत पड़ने पर पुलिस को सूचना दी जाती है, लेकिन हर विवाद के लिए पुलिस को तैनात करना संभव नहीं होता।
आउटसोर्स कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य
अस्पताल में तैनात आउटसोर्स कर्मचारियों की पृष्ठभूमि जांच की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। प्रशासन के मुताबिक, अब तक 70% कर्मचारियों का सत्यापन हो चुका है, जबकि शेष कर्मचारियों का वेरिफिकेशन जल्द पूरा किया जाएगा।
पेट्रोल न्यूज़ की खबर का असर
पेट्रोल न्यूज़ ने इस घटना को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद अस्पताल प्रशासन को सख्त कदम उठाने पड़े। चार कर्मचारियों को निलंबित करने और जांच कमेटी गठित करने का फैसला प्रशासन पर जनता के दबाव का नतीजा है। यह दर्शाता है कि स्वतंत्र मीडिया की भूमिका किसी भी अन्याय को उजागर करने में कितनी अहम होती है।