
Breaking: थाना प्रभारी लाइन अटैच मामले पर डीआईजी की प्रेस वार्ता, लेकिन मऊगंज के पत्रकारों को किया नजरअंदाज!
मऊगंज के तत्कालीन थाना प्रभारी द्वारा रोजनामचा में अपनी जान को खतरा बताए जाने के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। एसपी मऊगंज ने इसे “पुलिस की छवि धूमिल करने” वाला मानते हुए मऊगंज थाना प्रभारी को लाइन अटैच कर दिया। इस पूरे घटनाक्रम पर आज दोपहर रीवा में डीआईजी साकेत कुमार पांडे ने प्रेस वार्ता कर जानकारी दी।
लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इस अहम मामले पर मऊगंज के पत्रकारों को नजरअंदाज कर दिया गया। जब कोई जानकारी देनी होती है, तो आमतौर पर मऊगंज में प्रेस वार्ता आयोजित की जाती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ।
मऊगंज के पत्रकारों से दूरी क्यों?
अब सवाल उठता है कि एसपी मऊगंज के पत्रकारों से बचना चाहती हैं या उनके तीखे सवालों से घबराई हुई हैं? मऊगंज के पत्रकार इस मामले को नजदीक से समझते हैं, वे स्थानीय हालात को बेहतर जानते हैं और उनकी जमीनी पकड़ मजबूत है। अगर प्रेस वार्ता मऊगंज में होती, तो कई सवाल उठाए जा सकते थे, जिनका जवाब देना आसान नहीं होता।
टालमटोल या रणनीति?
यह पहली बार नहीं है जब मऊगंज के पत्रकारों को दरकिनार किया गया हो। सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ संयोग है, या फिर जानबूझकर उठाए गए तीखे सवालों से बचने की रणनीति? क्या पुलिस महकमा केवल एकतरफा जानकारी देना चाहता है, बिना किसी असहज सवाल का सामना किए?
अब क्या होगा आगे?
मऊगंज के पत्रकारों को नज़रअंदाज़ करने से यह मामला और भी चर्चा में आ गया है। अब देखना यह होगा कि क्या प्रशासन इस पर कोई सफाई देगा, या फिर यह चुप्पी यूं ही जारी रहेगी?