
भोपाल।
CM मोहन यादव ने कहा कि असीमित कृषि रसायनों के प्रयोग से पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। इसे रोकने के लिए प्रदेश सरकार जैविक एवं प्राकृतिक कृषि तकनीकों को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने बताया कि वर्तमान वर्ष में 1 लाख एकड़ भूमि पर प्राकृतिक खेती की जा रही है और आने वाले वर्षों में इसे 5 लाख हेक्टेयर तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री राज्य स्तरीय जैविक कृषि उत्पादन एवं मूल्य संवर्धन कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर “एक जिला, एक उत्पाद” योजना और विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने निर्देश दिए कि जैविक हाट-बाजार लगाए जाएं, ताकि किसानों को जैविक उत्पादों का उचित मूल्य मिल सके।
🌱 “मध्यप्रदेश को जैविक कृषि का हब बनाएंगे” – मुख्यमंत्री यादव
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया अब प्रदूषण रहित और स्वास्थ्यवर्धक प्राकृतिक कृषि उत्पादों की ओर रुख कर रही है। मध्यप्रदेश में जैविक उत्पादों की अपार संभावनाएं हैं, और सरकार इसे वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि नवीन तकनीकों के माध्यम से कृषि उत्पादन में वृद्धि होनी चाहिए, लेकिन साथ ही पर्यावरण संतुलन बनाए रखना भी आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि हालांकि यह वर्ष “उद्योग वर्ष” के रूप में मनाया जा रहा है, लेकिन कृषि प्रधान राज्य होने के कारण खेती को प्राथमिकता देना जरूरी है। इसलिए राज्य सरकार कृषि आधारित उद्योगों को विकसित करने पर विशेष ध्यान दे रही है।
🐄 दुग्ध उत्पादन बढ़ाने की योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में दुग्ध उत्पादन की क्षमता 9% है, जिसे बढ़ाकर 20% तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए किसान उत्पादक संगठनों और स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से विशेष अभियान चलाया जाएगा।
📈 जैविक खेती के लिए बड़ी योजनाएं
कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना ने कहा कि प्रदेश की कृषि जलवायु के अनुसार जैविक उत्पादन नीति बनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 9 सेवा प्रदाताओं से एमओयू (समझौता) किया गया है।
✅ प्रदेश में जैविक खेती का रकबा 11.48 लाख हेक्टेयर है।
✅ वन क्षेत्रों को मिलाकर कुल 20.55 लाख हेक्टेयर में जैविक खेती हो रही है, जो देश में सबसे अधिक है।
✅ पराली जलाने को रोकने के लिए 42,500 से अधिक कृषि यंत्र वितरित किए गए हैं, जिससे पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है।
🔆 जैविक खेती करने वाले किसानों को सोलर पंप मिलेंगे
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि जो किसान जैविक खेती अपनाएंगे, उन्हें सोलर पंप उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे खेती की लागत कम होगी और किसान ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेंगे।
🎯 जैविक खेती को लेकर दो दिवसीय कार्यशाला
कार्यशाला में प्रदेशभर से आए कृषि वैज्ञानिकों, जैविक खेती विशेषज्ञों, किसान उत्पादक संगठनों और प्रगतिशील किसानों के बीच विचार-विमर्श किया गया। राज्य की जैविक नीति को और मजबूत बनाने के लिए कई सुझाव सामने आए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव उद्यानिकी अनुपम राजन, सचिव कृषि एम. सेल्वेन्द्रन और संचालक कृषि अजय गुप्ता भी मौजूद रहे।
🚀 क्या कहता है पेट्रोल न्यूज़ ?
मुख्यमंत्री यादव की इस पहल से मध्यप्रदेश को जैविक कृषि और कृषि आधारित उद्योगों का हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। इससे न केवल किसानों को अधिक मुनाफा मिलेगा, बल्कि पर्यावरण भी संरक्षित रहेगा और लोगों को स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद उपलब्ध होंगे।
📢 “जैविक कृषि – सुरक्षित भविष्य की ओर बढ़ता मध्यप्रदेश!”