Rewa News:शिक्षा के मंदिर पर शराब पीकर पहुंचा था प्रधानाध्यापक, सोशल मीडिया पर हुआ वायरल वीडियो
रीवा (रिपोर्टर): शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले विद्यालय में शिक्षक का शराब पीकर आना न सिर्फ शिक्षा विभाग के लिए एक शर्मिंदगी का कारण बना, बल्कि बच्चों के भविष्य के लिए भी एक गंभीर संकट उत्पन्न कर दिया। यह घटना रीवा जिले के शासकीय हाई स्कूल जवा के प्रधानाध्यापक मुन्नालाल कोल से जुड़ी है, जिन्होंने शराब पीकर स्कूल में प्रवेश किया। उनका यह अशोभनीय कार्य अब पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया है।
सोशल मीडिया पर हुआ वीडियो वायरल, शिक्षा विभाग पर उठे सवाल?
प्रधानाध्यापक मुन्नालाल कोल का शराब पीकर विद्यालय में पहुंचने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया था। वीडियो में स्पष्ट रूप से दिख रहा था कि वह स्कूल में शराब के नशे में धुत होकर आए थे, जो कि शिक्षा के मंदिर के लिए एक गंभीर उल्लंघन है। इस घटना के बाद शिक्षा विभाग और प्रशासन दोनों ही कटघरे में आ गए हैं।
शराबी शिक्षक की निंदा, प्रशासन की कार्रवाई की मांग
इस वीडियो के वायरल होते ही स्थानीय जनता, अभिभावक और समाज के विभिन्न वर्गों ने इस पर कड़ी निंदा की। सवाल उठने लगे कि आखिर कैसे एक शिक्षक, जो बच्चों को शिक्षा देने के लिए जिम्मेदार है, अपने कर्तव्यों से इतने गिर सकते हैं। इस घटना ने यह भी उजागर किया कि शिक्षा विभाग में कुछ मामलों में अनुशासन की कमी हो सकती है, जिसके कारण ऐसे कुकृत्य को रोकने में विफलता हो रही है।
पेट्रोल न्यूज़ की रिपोर्ट का असर: कलेक्टर ने लिया बड़ा कदम
पेट्रोल न्यूज़ ने इस शर्मनाक घटना को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाने की दिशा में काम शुरू किया। रीवा कलेक्टर ने प्रधानाध्यापक मुन्नालाल कोल के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया। इस कदम को समाज और शिक्षा विभाग के कई अधिकारियों ने सराहा, लेकिन सवाल अब भी यही उठता है कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति कैसे रोकी जाए।
बच्चों के भविष्य पर गंभीर असर, शिक्षा विभाग पर हो कार्रवाई
एक शिक्षक का इस प्रकार का व्यवहार बच्चों के भविष्य पर नकारात्मक असर डालता है। यह घटना बच्चों को गलत संदेश देती है और शिक्षा के प्रति उनके विश्वास को भी प्रभावित कर सकती है। शिक्षा विभाग और प्रशासन से अब यह उम्मीद जताई जा रही है कि वे इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करें और यह सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
क्या शिक्षा विभाग सख्त कदम उठाएगा?
रीवा जिले के इस मामले ने यह साबित कर दिया है कि शिक्षा के क्षेत्र में अनुशासन और जवाबदेही की कमी है। अब यह देखना है कि क्या प्रशासन और शिक्षा विभाग इस घटना से कोई बड़ा सबक लेते हैं और अपने कर्तव्यों को और भी मजबूती से निभाते हैं।
निलंबन के बाद भी सवाल: क्या यह पर्याप्त कदम है?
हालांकि प्रधानाध्यापक मुन्नालाल कोल का निलंबन किया गया है, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह कदम समस्या का हल है या केवल एक दिखावा? अगर शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाना है, तो इसके लिए ठोस और स्थायी उपायों की जरूरत है, ताकि भविष्य में किसी और शिक्षक को ऐसी घिनौनी हरकत करने की हिम्मत न हो।