Lokayukt:सीधी जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई, लोकायुक्त की टीम ने बढ़ाया दबाव।

सीधी, 6 जनवरी:
लोकायुक्त रीवा की टीम ने शुक्रवार को सीधी जिले में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सहायक आयुक्त आदिवासी विकास डी.के. द्विवेदी को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने सुकवारी में पदस्थ चपरासी सुखलाल कोल के स्थानांतरण आदेश को खारिज करने के लिए 20,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी।
कैसे हुआ खुलासा?
लोकायुक्त टीम के अनुसार, डी.के. द्विवेदी ने पहले ही 15,000 रुपये की रिश्वत वसूल ली थी। शुक्रवार को बचे हुए 5,000 रुपये लेने के दौरान अपने कार्यालय में उन्हें गिरफ्तार किया गया।
सर्किट हाउस में चल रही पूछताछ
गिरफ्तारी के बाद, लोकायुक्त की टीम ने आरोपी को सर्किट हाउस ले जाकर पूछताछ शुरू कर दी है। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
भ्रष्टाचार का इतिहास दोहराया
गौरतलब है कि इससे पहले इसी पद पर रहे तत्कालीन सहायक आयुक्त राजेश परिहार को 80,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। परिहार की गिरफ्तारी के बाद डी.के. द्विवेदी को इस पद का प्रभार दिया गया था।
सह आरोपी की संभावना
लोकायुक्त टीम ने यह भी संकेत दिया है कि इस मामले में एक सह आरोपी की भूमिका सामने आ सकती है। जांच में उसकी संलिप्तता की संभावना है, जिसे लेकर आगे की कार्रवाई जारी है।
शिक्षक से सहायक आयुक्त तक का सफर
मूल रूप से शिक्षक रहे डी.के. द्विवेदी वर्तमान में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास के प्रभार पर थे। उनकी गिरफ्तारी ने प्रशासनिक तंत्र में भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को उजागर कर दिया है।
जनता में आक्रोश, सख्त कार्रवाई की मांग
इस घटना से जिले में हड़कंप मच गया है। आम जनता और कर्मचारियों में नाराजगी है। लोग आदिवासी विकास विभाग में फैले भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
“यह घटना भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता को दोहराती है।”
लोकायुक्त की यह कार्रवाई उन भ्रष्ट अधिकारियों के लिए एक सख्त संदेश है, जो अपने पद का दुरुपयोग करते हैं। जनता को उम्मीद है कि इस मामले में कठोरतम कार्रवाई होगी और भ्रष्टाचार के खिलाफ यह अभियान और तेज होगा।