December 12, 2024 3:58 am

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मऊगंज चाक मोड बना शराबियों का अड्डा, शराब दुकान हटाने विधायक ने दिया था धरना

File photo

चाक मोड: मऊगंज का सबसे व्यस्ततम चौराहा, फिर भी शराबियों का अड्डा बना


मऊगंज जिले का चाक मोड, जो पहले से ही कई घटनाओं के कारण बदनाम था, साथ ही एक और समस्या का सामना कर रहा है। यहां स्थित शराब की दुकान ने इस इलाके को शराबियों का अड्डा बना दिया है। शाम होते ही इस दुकान के आसपास नशे में धुत लोग जमा हो जाते हैं, जिससे इलाके में माहौल बिगड़ जाता है। शाम होती ही यहां से महिलाओं और बच्चियों का गुजरना दूभर हो चुका है क्योंकि शराबी नशे में धुत होकर उन्हें तंज करते हैं। जिससे महिलाओं को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है।

चाक मोड स्थित इस शराब दुकान के कुछ मीटर के दायरे पर ही स्कूल, मंदिर ,नगर परिषद कार्यालय, सिंचाई कॉलोनी, एलआईसी ऑफिस ,विधायक का घर ,विटनरी कार्यालय और आरएसएस का जिला मुख्यालय स्थित है, जो  चिंता का कारण बन गया है।

विधायक प्रदीप पटेल का धरना: शराब दुकान हटाने की कोशिशें नाकाम


मऊगंज के विधायक प्रदीप पटेल ने इस शराब दुकान को हटाने के लिए कई दिनों तक धरना दिया था। उनका मकसद था कि चाक मोड से शराब दुकान हटाकर इस क्षेत्र को सुरक्षित और शांति पूर्ण बनाया जाए। हालांकि, उनका धरना असफल रहा और शराब की दुकान अब भी यहीं स्थित है। विधायक पटेल, जो अपने संघर्षों के लिए जाने जाते हैं, इस बार अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए।

मिलीभगत का आरोप: लोग सवाल उठा रहे हैं?


कुछ स्थानीय लोग इस मामले में मिलीभगत का आरोप भी लगा रहे हैं। उनका कहना है कि प्रशासन ,विधायक और शराब व्यापारियों के बीच कोई न कोई सौदेबाजी हो सकती है, जिसके कारण दुकान को हटाने के प्रयासों में सफलता नहीं मिल पा रही। यह आरोप स्थिति को और भी जटिल बना रहे हैं।

नतीजा न मिलने पर बढ़ रही निराशा


विधायक प्रदीप पटेल के धरने का कोई परिणाम न मिलने से स्थानीय लोगों में निराशा है। लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि जब अन्य मुद्दों पर विधायक सफल होते आए हैं, तो शराब दुकान हटाने के मामले में क्यों असफल रहे। शराब की दुकान के खिलाफ इस संघर्ष को लेकर अब भी क्षेत्रवासियों में असंतोष है।

निष्कर्ष


मऊगंज का चाक मोड अब शराबियों के लिए एक अड्डा बन चुका है, और इस समस्या का समाधान अभी दूर नजर आ रहा है। विधायक पटेल के धरने के बावजूद, शराब दुकान के हटने की कोई उम्मीद फिलहाल नहीं दिखती। लोगों का मानना है कि अगर जल्द ही इस पर सख्त कदम नहीं उठाए गए तो यह समस्या और गंभीर हो सकती है।

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