Mauganj News :
मऊगंज।
मध्य प्रदेश के नवगठित मऊगंज जिले में सहकारी बैंकिंग व्यवस्था पर एक बार फिर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। रीवा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की पहाड़ी शाखा में सामने आए 7 करोड़ रुपए के घोटाले ने हजारों खाताधारकों को गहरे संकट में डाल दिया है। 3500 से ज्यादा जमाकर्ता अपनी जमा राशि की वापसी के लिए पिछले दो सालों से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
खातों में रकम ही नहीं पहुंची
जांच में सामने आया कि हर्दी, गौरी, देवरा पटेहरा, टटिहरा और हटवा की सेवा सहकारी समितियों के नाम पर जो रकम जमा की गई थी, वह संबंधित खातों में कभी पहुंची ही नहीं। सबसे अधिक नुकसान हर्दी समिति को हुआ है, जहां से करीब 4.5 करोड़ रुपए रहस्यमय तरीके से गायब हो गए।
कहाँ-कहाँ से कितनी रकम गायब:
- हर्दी समिति: ₹4.50 करोड़
- गौरी समिति: ₹1.50 करोड़
- देवरा पटेहरा समिति: ₹45 लाख
- टटिहरा समिति: ₹35 लाख
- हटवा समिति: ₹16 लाख
जमाकर्ताओं की आपबीती
- कृष्ण दास गुप्ता: ₹3.13 लाख नकद और ₹78 हजार की FD
- रहसकली गुप्ता: ₹8 लाख नकद और ₹4 लाख की FD
- संकर्षण प्रसाद गौतम: ₹1.16 लाख की पूरी हुई FD, लेकिन भुगतान नहीं
- रामपति प्रजापति, कपूर चंद्रगुप्त, नीरज कुशवाहा, रामस्वरूप सहित कई अन्य की FD की परिपक्वता के बावजूद एक भी रुपया नहीं मिला।
जांच ठप, कार्रवाई अधूरी
मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल ने 19 जून 2023 को डीआर कार्यालय के सामने धरना भी दिया था। मुख्यमंत्री के निर्देश पर जांच समिति बनी और हर्दी समिति के सहायक सेवक राजीव लोचन शुक्ला को हटाया गया, लेकिन इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
अब तक न किसी दोषी की गिरफ्तारी हुई और न ही कोई वित्तीय रिकवरी।
शासन-प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
जमाकर्ता अब भी कलेक्टर, बैंक मुख्यालय, और अपेक्स बैंक के चक्कर काट रहे हैं। कई बार शिकायतें भेजी गईं, लेकिन नतीजा सिफर रहा।
यह घोटाला न केवल एक आर्थिक अपराध है, बल्कि जनता की मेहनत की कमाई और भरोसे के साथ किया गया गंभीर धोखा है।
यदि सरकार ने समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए, तो यह मामला प्रदेश में सहकारी बैंकिंग व्यवस्था की छवि को गहरा नुकसान पहुंचा सकता है।