Mauganj: जिला बना, लेकिन व्यवस्थाओं में अब भी तहसील जैसी झलक
मध्यप्रदेश में रीवा से अलग होकर नया जिला मऊगंज भले ही घोषित कर दिया गया हो, लेकिन व्यवस्थाओं और सुविधाओं के मामले में यह अब भी तहसील स्तर की छवि से बाहर नहीं निकल पाया है। बिना पर्याप्त तैयारी और आधारभूत संरचना के इसे जिला घोषित करना सरकार की चुनावी सफलता के लिए भले ही कारगर रहा हो, लेकिन जनता को जिला जैसी सुविधाएं देने में यह विफल साबित हो रहा है।
अधिकारियों की उलझन, सुविधाओं का अभाव
मऊगंज में तैनात अधिकारी और कर्मचारी अपने निवास और कार्यालय की व्यवस्थाओं में ही उलझे हुए हैं। बुनियादी सुविधाओं की कमी और कार्यक्षेत्र में व्याप्त अस्थिरता के चलते जनता की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं।
विधायकों के बीच टकराव: जनता की चिंता पीछे छूटी
मऊगंज में दो विधानसभा क्षेत्र होने के चलते यहां के विधायकों के बीच वर्चस्व की लड़ाई ने स्थिति और जटिल कर दी है। विधायक प्रदीप पटेल और देवतालाब विधायक गिरीश गौतम के बीच की खींचतान ने राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है।
विधायक प्रदीप पटेल की नई रणनीति
प्रदीप पटेल वर्तमान में अपने राजनीतिक भेष और विधानसभा क्षेत्र दोनों में बदलाव की ओर बढ़ते दिख रहे हैं। देवतालाब क्षेत्र में दखल देकर अपनी चुनावी जमीन तलाशने की कोशिशों में जुटे पटेल मानते हैं कि गिरीश गौतम चुनावी मैदान से बाहर हो सकते हैं। लेकिन उनकी यह रणनीति देवतालाब क्षेत्र में राजनीतिक संघर्ष को और तेज कर सकती है।
गिरीश गौतम का पलटवार
वहीं, गिरीश गौतम ने प्रदीप पटेल की इस चुनौती को स्वीकार करते हुए उन्हें राजनीतिक मुकाबले में पीछे धकेलने की पूरी तैयारी कर ली है। उनकी मंशा है कि मऊगंज और देवतालाब क्षेत्र में भाजपा के भीतर हो रही इस वर्चस्व की लड़ाई को स्पष्ट किया जाए और जनता को यह दिखाया जाए कि उनका उद्देश्य केवल सत्ता बचाना नहीं, बल्कि जनता के विकास पर ध्यान देना है।
भ्रमित होती जनता, विकास की मांग
भाजपा के आंतरिक टकराव ने जनता के बीच भ्रम की स्थिति पैदा कर दी है। लोगों को अब यह समझने में कठिनाई हो रही है कि सरकार का प्राथमिक उद्देश्य जनता का विकास है या राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई लड़ना। मऊगंज के जिला बनने के बाद भी सुविधाओं का अभाव और राजनीतिक अस्थिरता क्षेत्र की प्रगति को बाधित कर रही है।
मऊगंज में जिला बनने के बाद की चुनौतियां और विधायकों के बीच की खींचतान ने क्षेत्र को विकास की राह से भटका दिया है। जनता अब यह देख रही है कि कब यह राजनीतिक संघर्ष समाप्त होगा और क्षेत्र में वास्तविक विकास की शुरुआत होगी।