Mauganj News:

मऊगंज, 26 फरवरी 2025। मऊगंज की सांस्कृतिक और बौद्धिक धरा आज एक ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनी, जब विकास के पर्याय डॉ. रामधनी मिश्र की स्मृति में रचित “एक और महामना: डॉ. रामधनी मिश्र” स्मृति आलेख का भव्य लोकार्पण समारोह सम्पन्न हुआ। यह आयोजन न केवल मऊगंज के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गौरवशाली पल था, जिसमें शिक्षा, समाजसेवा और विकास के क्षेत्र में डॉ. मिश्र के अप्रतिम योगदान को श्रद्धांजलि दी गई।
इस गरिमामयी अवसर पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं देवतालाब विधायक माननीय श्री गिरीश गौतम जी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि अध्यक्षता पूर्व प्राचार्य गया प्रसाद मिश्र ने की। कार्यक्रम में नगर के प्रतिष्ठित शिक्षाविद, समाजसेवी, साहित्यकार और गणमान्य नागरिकों ने भाग लिया।
“पंडित मिश्रा जी हमारे दिलों में बसते हैं”
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देवतालाब विधायक पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा,
“डॉ. रामधनी मिश्र केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक युग, एक विचारधारा और एक प्रेरणा थे। वे उन विरले व्यक्तियों में थे, जिन्होंने अपने जीवन को समाज और शिक्षा के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया। उनका सादगी भरा जीवन और अनुकरणीय व्यक्तित्व हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा। पंडित मिश्रा जी केवल इतिहास का हिस्सा नहीं हैं, वे हमारे दिलों में बसते हैं। उनकी शिक्षा, उनकी सोच और उनकी निस्वार्थ सेवा हमारे समाज की अमूल्य धरोहर हैं, जिसे हमें संभालकर रखना होगा।”
उन्होंने आगे कहा कि डॉ. मिश्र की विचारधारा को आगे बढ़ाना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस स्मृति आलेख के माध्यम से नई पीढ़ी उनके संघर्ष और आदर्शों को समझ सकेगी, जिससे समाज को सही दिशा मिलेगी।
महामना की प्रेरक विरासत
इस अवसर पर वक्ताओं ने डॉ. रामधनी मिश्र के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें मऊगंज का गौरव पुरुष बताया। उन्होंने शिक्षा, समाज सुधार और विकास के क्षेत्र में जो योगदान दिया, वह प्रेरणा का स्रोत है। उनकी निःस्वार्थ सेवाएं और दूरदृष्टि आज भी क्षेत्र के लोगों को दिशा प्रदान कर रही हैं।
संपादक डॉ. चंद्रिका प्रसाद “चंद्र” ने अपने वक्तव्य में कहा कि यह आलेख केवल एक पुस्तक नहीं, बल्कि एक युगपुरुष के संघर्ष, विचारधारा और समर्पण का जीवंत दस्तावेज है। यह स्मृति आलेख भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक प्रेरक प्रकाशस्तंभ के रूप में कार्य करेगा।
“डॉ. रामधनी मिश्र केवल नाम नहीं, एक विचारधारा थे” – जयराम शुक्ला
वरिष्ठ पत्रकार जयराम शुक्ला ने स्मृति आलेख लोकार्पण समारोह के अवसर पर डॉ. रामधनी मिश्र को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वह केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचारधारा थे। उनका जीवन समाज और शिक्षा के उत्थान के लिए समर्पित था। उन्होंने न केवल शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दिया, बल्कि सामाजिक सुधारों में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। जयराम शुक्ला ने कहा कि डॉ. मिश्र की विचारधारा आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करती रहेगी। उनका व्यक्तित्व समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणास्रोत था, और उनकी स्मृति सदैव हमारे दिलों में जीवंत रहेगी।
“समाजसेवा और शिक्षा के प्रतीक थे पंडित रामधनी मिश्र” – रामसहाय मिश्र
समाजसेवी रामसहाय मिश्र ने कहा कि डॉ. रामधनी मिश्र का जीवन समाज सेवा, शिक्षा और नैतिक मूल्यों की मिसाल था। उन्होंने अपने पूरे जीवनकाल में शिक्षा के प्रसार और गरीब तबके के उत्थान के लिए जो कार्य किए, वे अतुलनीय हैं। समाज में जब भी नैतिकता और सेवा की बात होगी, तब-तब डॉ. मिश्र का नाम श्रद्धा से लिया जाएगा। रामसहाय मिश्र ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और कार्यशैली ने मऊगंज को एक नई दिशा दी। उनकी प्रेरणा से कई युवा शिक्षा और समाजसेवा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं, जो उनके द्वारा रोशन किए गए मार्ग का अनुसरण कर रहे हैं।
समाज और संस्कृति का अनमोल धरोहर
नगर के प्रबुद्ध साहित्यकारों, शिक्षकों और गणमान्य नागरिकों ने डॉ. मिश्र के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनके व्यक्तित्व में महामना मदन मोहन मालवीय की छवि झलकती थी। वे एक सच्चे शिक्षाविद, समाजसेवी और विकास पुरुष थे, जिनका समर्पण अनुकरणीय है।
कार्यक्रम में नगर के वरिष्ठ नागरिकों ने डॉ. मिश्र से जुड़े संस्मरण साझा किए और उनके आदर्शों को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
गर्व और प्रेरणा का क्षण
इस आयोजन ने न केवल डॉ. रामधनी मिश्र के महान योगदान को अमर कर दिया, बल्कि मऊगंज के बौद्धिक और सांस्कृतिक उत्थान की दिशा में एक नया अध्याय भी जोड़ दिया। कार्यक्रम का समापन आयोजकों द्वारा सभी अतिथियों और आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए हुआ।
“पंडित मिश्रा जी हमारे दिलों में थे, हैं और हमेशा रहेंगे।”