Mauganj। मऊगंज महाविद्यालय के एलएलबी पाठ्यक्रम की मान्यता बहाल होने से छात्रों में खुशी की लहर दौड़ गई है। यह मान्यता बीते कई महीनों से विवाद का विषय बनी हुई थी। विधि की पढ़ाई पूरी कर चुके छात्र, जो अपने पेशेवर करियर की शुरुआत के लिए राज्य विधिक परिषद जबलपुर में पंजीकरण कराने में असमर्थ थे, आखिरकार उच्च न्यायालय के फैसले से राहत महसूस कर रहे हैं।
उच्च न्यायालय ने सुनाया छात्रों के पक्ष में फैसला
मामले की सुनवाई जबलपुर उच्च न्यायालय में अंकित शुक्ला और अन्य छात्रों द्वारा दायर याचिका (डब्ल्यू.पी. क्र. 26045/2024) के तहत हुई। छात्रों का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता आर्यन शुक्ला ने किया। 21 जनवरी को न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए मऊगंज महाविद्यालय के विधि पाठ्यक्रम की मान्यता बहाल करने का आदेश दिया।
छात्रों ने जताई खुशी
मान्यता बहाल होने की खबर से विधि के पूर्व छात्रों जैसे अंकित शुक्ला, मनोज पांडेय, अनूप यादव, प्रिंस त्रिपाठी, विधि त्रिपाठी, पूर्णिमा मिश्रा, ज्योति विश्वकर्मा, मधुकर पांडेय, रमाकांत चतुर्वेदी, शुभम तिवारी, अंकित मिश्रा, ध्रुव दुबे, प्राची मिश्रा, अंजली द्विवेदी, वंशिका यादव, और प्रिया शर्मा सहित अन्य छात्रों में खुशी की लहर दौड़ गई।
लंबे संघर्ष के बाद मिली जीत
छात्रों ने बताया कि मान्यता रद्द होने के कारण उनका भविष्य अधर में लटक गया था। वे अपने पेशेवर करियर की शुरुआत नहीं कर पा रहे थे। न्यायालय के इस फैसले ने न केवल उनकी समस्याओं का समाधान किया है, बल्कि उनकी मेहनत और संघर्ष को भी सही दिशा दी है।
प्रशासन ने किया छात्रों को बधाई
महाविद्यालय प्रशासन ने इस फैसले का स्वागत करते हुए छात्रों को बधाई दी और आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसे किसी भी विवाद से बचने के लिए वे हर संभव प्रयास करेंगे।
क्या कहता है पेट्रोल न्यूज़ ?:
मऊगंज महाविद्यालय की विधि पाठ्यक्रम की मान्यता बहाल होने से छात्रों के करियर को नई दिशा मिली है। यह फैसला न केवल छात्रों के लिए राहत भरा है, बल्कि उनके संघर्ष और दृढ़ संकल्प की भी मिसाल है।