
Mauganj। जिले के निबिहा गांव में माता-पिता की हत्या के मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। पीड़ित सुभाष यादव ने आरोप लगाया है कि मऊगंज पुलिस ने असली हत्यारों को पकड़ने के बजाय झूठी कहानी गढ़ी । इस मामले में पुलिस ने जांच के लिए एक ऐसे अधिकारी को प्रभारी बनाया है, जो खुद विवादों में रहे हैं। इससे ग्रामीणों में आक्रोश और पुलिस की भूमिका पर शक गहराता जा रहा है।
घटना का विवरण ?
25 दिसंबर 2024 की रात सुभाष यादव के माता-पिता की उनके घर में निर्मम हत्या कर दी गई।
- पिता: चारपाई पर मृत अवस्था में पाए गए, सिर पर कम्बल ढका था।
- माता: दूसरे कमरे में मृत पाई गईं।
- लूटपाट: घर से नकदी, सोने-चांदी के जेवर और मोबाइल फोन गायब मिले।
सुभाष ने बताया कि उनके पिता बोरिंग कराने के लिए पैसे जमा कर रहे थे। घटना के बाद उनके घर से कीमती सामान गायब मिला।
पुलिस की कार्यवाही पर आरोप ?
सुभाष यादव ने मऊगंज पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए:
- झूठी कहानी तैयार की गई: पुलिस ने मामले को सुलझाने के लिए जल्दबाजी की जो कई संदेह खड़े कर रही है ।
- दबाव बनाकर बयान और हस्ताक्षर: सुभाष और उनके परिवार को धमकाकर झूठे बयान देने और दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए गए।
- साक्ष्यों की अनदेखी: घटना स्थल से बरामद जाल और चप्पल जैसे अहम सबूतों पर कोई जांच नहीं की गई।
- दोषियों को बचाने का आरोप: पुलिस ने जिन लोगों को पकड़ा है, उनसे कोई चोरी का सामान बरामद नहीं हुआ।
विवादित अधिकारी को जांच सौंपने पर सवाल
इस मामले में एक विवादित अधिकारी को जांच प्रभारी बनाए जाने पर भी सवाल उठ रहे हैं।
- यह अधिकारी पहले हनुमना और मऊगंज थानों में प्रभारी रहते हुए कई विवादों में घिरे रहे हैं।
- विवादों के चलते उन्हें लाइन अटैच किया गया था।
- ग्रामीणों और पीड़ित परिवार का कहना है कि ऐसे अधिकारी को जांच का जिम्मा सौंपना पुलिस की मंशा पर सवाल खड़े करता है।
ग्रामीणों का आक्रोश और निष्पक्ष जांच की मांग
घटना के बाद ग्रामीणों में गुस्सा है। उनका कहना है कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और केवल दिखावे के लिए कार्रवाई कर रही है। सुभाष यादव ने पुलिस अधीक्षक से मामले की उच्च अधिकारियों से निष्पक्ष जांच कराने और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
क्या कहते हैं अधिकारी?
इस मामले पर पुलिस का कहना है कि आरोपों के आधार पर अग्रिम जांच की जाएगी। हालांकि, विवादित अधिकारी को जांच का जिम्मा सौंपे जाने पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला है।
क्या होगा आगे?
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पुलिस इस मामले को कितनी गंभीरता से लेती है। सुभाष यादव और ग्रामीणों की मांग है कि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जांच की जाए ताकि असली अपराधी पकड़े जा सकें और पुलिस की साख बहाल हो सके।