4 महीने पहले भी उठा था विवाद, बीते 3 दिन से चल रहा था धरना, विधायक सहित कई नजरबंद , उपद्रवियों की तलाश जारी , पुलिसिया कार्रवाई के दौरान होती रही नारेबाजी।
मऊगंज l जिले के मऊगंज स्थित देवरा महादेवन में 17 नवंबर से चल रहा धरना-प्रदर्शन मंगलवार को हिंसा में बदल गया। हिन्दूवादी कार्यकर्ता लंबे समय से मांगें उठा रहे थे, जिसमें दूसरे समुदाय पर आरोप लगाए जा रहे थे। प्रशासन की लापरवाही के कारण दो समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए, जिससे वर्ग संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो गई। पहले धरना दे रहे संतोष तिवारी ने स्वयं अतिक्रमण हटाना शुरू किया, जिसके बाद दूसरे पक्ष के लोग लाठी-डंडों और धारदार हथियारों से प्रदर्शन करने लगे और पत्थरबाजी शुरू हो गई।
घटना में दोनों पक्षों के आठ से दस लोग घायल हुए, जिन्हें अस्पताल भेजा गया। स्थिति तब और बिगड़ी जब विधायक प्रदीप पटेल मौके पर पहुंचे और जेसीबी बुलाकर खुद दीवार तोड़ने का प्रयास किया। इससे उत्तेजित कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी और फिर से पत्थरबाजी हुई, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। बता दें कि देवरा महादेवन में चार महीने पहले भी विवाद की स्थिति बन रही थी। हालांकि उस दौरान कलेक्टर-एसपी ने मौके पर पहुंचकर आश्वासन दिया था कि अतिक्रमण हटाकर इस स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।
इस दौरान कलेक्टर ने धरना देने वालों के साथ ही गंगा आरती भी मौके पर की और कहा कि प्रशासन इसका निराकरण करेगा। दो महीने का समय दिया गया था लेकिन अब चार माह के बाद फिर से बवाल शुरू हो गया है। विधायक को सायं पांच बजे देवरा से हिरासत में लिया गया। जहां से पुलिस लेकर रीवा के पुलिस लाइन स्थित सामुदायिक भवन पहुंची।
इसकी जानकारी मिलने पर कुछ समर्थक भी पहुंच गए। बढ़ती भीड़ को देखते हुए पुलिस ने विधायक को किसी से मिलने से रोक दिया। रात 11 बजे के बाद तक विधायक नजरबंद रहे। इस दौरान उनके समर्थकों ने प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए।
घटना की जानकारी मिलने पर आईजी महेन्द्र सिंह सिकरवार सहित अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। कलेक्टर, एसपी से जानकारी लेने के बाद उन्होंने विवाद की वजह जानी और जहां पर उपद्रव हुआ उस स्थान का भी निरीक्षण किया। इसके बाद उपद्रवियों की तलाश शुरू हुई।
दोनों पक्षों से करीब 30 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कुछ घटना स्थल पर ही मौजूद पाए गए और कुछ को बाजार क्षेत्र से पकड़ा गया है। वहीं कइयों की पहचान के बाद उनके घरों से उठाया गया है। देर रात तक अधिकारियों ने पूरे मामले के निराकरण को लेकर बैठकें की।
स्थिति तनावपूर्ण बन रही थी लेकिन मौके पर पुलिस बल मौजूद होने से मामले को सुलझा लिया गया है। दोनों पक्षों से 30 लोगों को हिरासत में लिया गया है। निगरानी के लिए गांव में पुलिस बल लगाया गया है।
एमएस शिकरवार, आईजी रीवा
दोपहर से ही स्थिति तनावपूर्ण हो रही थी। बीच में अतिक्रमण वाली दीवार है और एक पक्ष से जय श्रीराम और भारत माता की जय के नारे जगाए जा रहे थे। दूसरी ओर से अल्ला हो अकबर के नारे लगाए जा रहे थे।
मंदिर परिसर की भूमि में अतिक्रमण कर बनाई गई दीवार को विधायक के कहने पर जब कुछ लोगों ने स्वयं हटाना शुरू किया, तब दूसरे पक्ष के लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। इससे कई लोग चोटिल भी हो गए। पत्थरबाजी के विरोध में प्रदर्शन करने वालों ने कुछ स्थानों पर आगजनी भी कर दी। इसकी वजह से बवाल मच गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।
विधायक प्रदीप पटेल को सायं करीब पांच बजे देवरा से हिरासत में लिया गया। जहां से पुलिस लेकर रीवा के पुलिस लाइन स्थित सामुदायिक भवन पहुंची। इसकी जानकारी मिलने पर उनके कुछ समर्थक मौके पर पहुंच गए। बढ़ती भीड़ को देखते हुए पुलिस ने विधायक को किसी से मिलने से रोक दिया। विधायक नजरबंद ही रहे। इस दौरान उनके समर्थकों ने प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए और कहा कि विधायक जनता के मुद्दों के साथ हैं।
विवाद की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए जैसे ही फैली, दोनों पक्षों से जुड़े लोग देवरा महादेवन गांव पहुंचने लगे। लगातार गांव में बाहर से आ रहे वाहनों को पुलिस ने रोक दिया और बाहर से आने वाले लोगों की तस्दीक के बाद ही गांव में प्रवेश दिया जा रहा है। गांव में पुलिस बल तैनात किया गया है। स्थिति पूरी तरह से नियंत्रित होने के बाद ही पुलिस यहां से हटाई जाएगी।
बाहर से आने वाले लोगों को रोका
हाईकोर्ट में सुनवाई आज।
देवरा के महादेवन मंदिर की करीब 9 एकड़ भूमि है। इसके बड़े हिस्से में दूसरे समुदाय के लोगों ने अतिक्रमण कर मकान बना रखा है। मंदिर के पास से ही दीवार खड़ी कर ली है। इसे हटाने की मांग को लेकर हिन्दूवादी संगठन के संतोष तिवारी सहित कई लोग मंदिर परिसर में धरना दे रहे थे। बीते मंगलवार को विवाद उस समय बढ़ा जब संतोष ने खुद गैती लेकर दीवार को तोड़ने का काम शुरू कर दिया।
दूसरे पक्ष के लोग भी बड़ी संख्या में पहुंचे और पत्थरबाजी शुरू कर दी। पुलिस ने मामले को शांत कराया। इसी बीच विधायक प्रदीप पटेल भी पहुंच गए और कहा कि प्रशासन अतिक्रमणकारियों से मिला है। इसलिए खुद हटाओ। मौके पर जेसीबी बुलाई और दीवार तोडऩे की शुरुआत हुई। उसी दौरान दूसरे पक्ष ने पत्थरबाजी शुरू कर दी।
मौके पर बढ़ते बवाल को देखते हुए कलेक्टर और एसपी द्वारा विधायक प्रदीप पटेल सहित उनके समर्थकों को गिरफ्तार कर वहां से हटाया गया। इसे लेकर कुछ महीने पहले भी धरना दिया गया था। इस पर एसडीएम ने अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था। इस आदेश के विरोध में दूसरा पक्ष हाईकोर्ट चला गया है। वहां 20 नवंबर को सुनवाई है। इस वजह से प्रशासन कार्रवाई से पीछे हट रहा है।