caste census news in hindi : 2025 की जनगणना के साथ ही होगी जातिगत गणना, कैबिनेट ने दी मंजूरी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में एक ऐतिहासिक और लंबे समय से प्रतीक्षित निर्णय लिया गया। सरकार ने मूल जनगणना के साथ जातिगत जनगणना कराने की औपचारिक मंजूरी दे दी है। यह निर्णय सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़े कदम के तौर पर देखा जा रहा है, जो देश की सामाजिक संरचना को नई दृष्टि से समझने में मदद करेगा।
1947 के बाद पहली बार होगी जातिगत जनगणना
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस वार्ता में बताया कि आज़ादी के बाद पहली बार सरकार जातिगत आंकड़ों को आधिकारिक तौर पर एकत्र करेगी। यह प्रक्रिया वर्ष 2025 में प्रस्तावित जनगणना के दौरान की जाएगी। इससे पहले 1931 में ब्रिटिश शासन के समय जातिगत जनगणना हुई थी, और तभी से देश में सामाजिक संरचना के सटीक आंकड़े नहीं उपलब्ध हैं।
नीतियों के निर्माण में मिलेगी स्पष्टता
सरकार का मानना है कि जातिगत जनगणना से समाज के हर वर्ग की सामाजिक-आर्थिक स्थिति की सटीक जानकारी मिलेगी। इससे कल्याणकारी योजनाओं को अधिक लक्षित तरीके से तैयार किया जा सकेगा। साथ ही यह आंकड़े सामाजिक असमानता को कम करने में भी सहायक होंगे।
राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अहम फैसला
विशेषज्ञों और नीतिगत विश्लेषकों का कहना है कि यह फैसला न सिर्फ प्रशासनिक बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी बड़ा और प्रभावशाली है। कई विपक्षी दल लंबे समय से जातिगत जनगणना की मांग कर रहे थे। ऐसे में सरकार का यह फैसला उनकी उस मांग को पूरा करता है और सामाजिक प्रतिनिधित्व की बहस को एक नई दिशा देता है।
कैबिनेट के अन्य बड़े फैसले
इस कैबिनेट बैठक में पूर्वोत्तर भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देने के लिए शिलॉन्ग-सिलचर हाईस्पीड कॉरिडोर को भी मंजूरी दी गई है। इस हाईवे कॉरिडोर की अनुमानित लागत करीब ₹22,864 करोड़ रुपये होगी, जो मेघालय और असम के बीच तेज़ और सुरक्षित कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
क्या कहता है पेट्रोल न्यूज़ ?:
जातिगत जनगणना का यह फैसला न केवल समाज के हाशिए पर खड़े वर्गों को आवाज देगा, बल्कि नीतियों की पारदर्शिता और निष्पक्षता को भी बढ़ावा देगा। यह कदम भविष्य की योजनाओं और राजनीतिक परिदृश्य पर गहरा असर डाल सकता है।