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दर्द में डूबी दंडवत परिक्रमा: सिंघाड़ा किसानों की गुहार सुनने कलेक्टरेट पहुंचे, मगर फिर मिला सिर्फ आश्वासन

मैहर (मध्य प्रदेश)।
अपनी फसल के नुकसान और प्रशासनिक अनदेखी से टूटे दर्जनों किसान मंगलवार को अनोखे अंदाज में जनसुनवाई में पहुंचे।मैहर जिले के रामनगर क्षेत्र के यह किसान दंडवत परिक्रमा करते हुए कलेक्टर कार्यालय तक आए और जमीन पर लोटते हुए अपनी अर्जी अधिकारियों को सौंपी। इस दृश्य को देखकर मौके पर मौजूद अफसर भी चौंक गए और किसानों से बातचीत के लिए आगे आए।
इन किसानों का कहना है कि वे सिंघाड़ा (Water Chestnut) की खेती कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं, लेकिन बीते वर्ष बरसात के चलते पूरी फसल नष्ट हो गई थी। जिला प्रशासन ने सर्वे तो कराया, पर एक साल बीतने के बाद भी किसी को सहायता राशि नहीं मिली।
‘सूची में नहीं है हमारी फसल’
मैहर एडीएम शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि किसानों के नुकसान की पुष्टि कृषि विभाग के सर्वे में हुई थी, लेकिन जिस ‘राजस्व पुस्तक परिपत्र’ (RBC) के तहत मुआवजा दिया जाता है, उसमें सिंघाड़ा की फसल सूचीबद्ध नहीं है। यही वजह है कि अब तक भुगतान नहीं हो सका। हालांकि राज्य सरकार को पत्र भेजकर अनुमति मांगी गई है और दोबारा अनुरोध किया गया है।
कब मिलेगा समाधान?
किसानों को एक बार फिर सिर्फ आश्वासन देकर लौटाया गया है। वे निराश जरूर हैं, लेकिन उम्मीद अभी बाकी है कि सरकार उनकी बात सुनेगी और इस अनदेखी को गंभीरता से लेकर उन्हें वाजिब हक दिलाएगी।