
Mauganj। मऊगंज का लोक सेवा केंद्र इन दिनों अपनी “अनोखी सेवाओं” के लिए चर्चाओं में है। यहां काम करवाने आने वाले लोग सेवा से ज्यादा “सेवा शुल्क” देने में व्यस्त रहते हैं। सरकार ने इसे जनता की सुविधा के लिए खोला था, मगर यहां तो हर काउंटर पर सुविधा नहीं, बल्कि “संविदा आधारित रिश्वत प्रणाली” का संचालन हो रहा है।
आम जनता का परीक्षा केंद्र
लोक सेवा केंद्र में आवेदन करने गए लोगों को एक अदद प्रमाण पत्र बनवाने में कम से कम तीन चक्कर लगाने पड़ते हैं। पहले दिन बताया गया कि “सिस्टम डाउन है” (जो कि हर सरकारी दफ्तर की पवित्र मंत्रणा है)। दूसरे दिन जब सिस्टम ठीक हुआ, तो बाबू जी का मूड खराब था, और तीसरे दिन फाइल “गायब” हो गई। लेकिन जैसे ही आवेदक ने जेब ढीली करने का संकेत दिया, चमत्कार हो गया—फाइल अचानक टेबल के नीचे से प्रकट हो गई!
‘फास्ट ट्रैक’ सेवा—बस कुछ अतिरिक्त शुल्क में!
अगर कोई जल्दी काम करवाना चाहता है, तो उसके लिए विशेष ‘वीआईपी सुविधा’ उपलब्ध है, जिसमें आपका काम पलक झपकते हो जाता है। बस आपको कुछ अतिरिक्त “प्रशंसा राशि” देनी होगी। वरना सामान्य लाइन में लगे रहिए और देखिए कि आपका आवेदन चींटी की चाल से आगे बढ़ता है।
शिकायत का क्या?
अगर कोई बहादुर व्यक्ति हिम्मत करके भ्रष्टाचार की शिकायत करना चाहे, तो उसके लिए भी खास सेवा है—या तो उसकी फाइल रहस्यमय तरीके से गायब हो जाएगी, या फिर उसे इतने चक्कर कटवाए जाएंगे कि वह खुद शिकायत वापस लेने पर मजबूर हो जाएगा।
आगे क्या?
लोक सेवा केंद्र मऊगंज ने एक नया ट्रेंड सेट कर दिया है—”आओ, परेशान हो जाओ!” अब देखना ये है कि प्रशासन इस गड़बड़झाले पर कोई कार्रवाई करता है या फिर “सिस्टम डाउन” का बोर्ड लगाकर सो जाता है!
इनका कहना है ?
इसकी मैं तुरंत जांच करवाता हूं ।अगर ऐसा पाया जाता है तो दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी
सौरभ मरावी, तहसीलदार मऊगंज