Rewa : बैकुंठपुर में हजारों की भीड़ ने निकाली रैली, गीतों-भाषणों और भव्य आयोजन से मनी अंबेडकर जयंती

ग्रीन लैंड गार्डन से शुरू होकर नगर भर में निकाली गई रैली, जगह-जगह हुआ स्वागत, मिशन गीतों ने बांधा समा
रिपोर्ट: मनोज सिंह, रीवा
रीवा जिले के बैकुंठपुर नगर में 14 अप्रैल को संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती ऐतिहासिक अंदाज में मनाई गई। इस अवसर पर हजारों की संख्या में ग्रामीण उमड़े और गाजे-बाजे के साथ भव्य रैली निकाली गई।
रैली ग्रीन लैंड गार्डन से आरंभ होकर नई बाजार, थाना चौक, बरौ मोड़, झंडा बाजार, केपी चौक होते हुए नगर के प्रमुख मार्गों से गुजरती रही। मार्ग में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह खीर-खिचड़ी, समोसे और ठंडे पानी से रैली में शामिल लोगों का स्वागत किया।
शक्ति चौक से सभा स्थल तक उमड़ा जनसैलाब
रैली के बाद शक्ति चौक से सभा स्थल ग्रीन लैंड गार्डन तक जनसैलाब उमड़ पड़ा। यहां मंचीय कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें मिशन गायक सुनील लहरी ने बाबा साहब के जीवन पर आधारित गीतों की प्रस्तुति देकर माहौल को देशभक्ति और समानता के भाव में रंग दिया।
मुख्य अतिथि ने कहा: जो पढ़ते नहीं, वे मिट जाते हैं

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संजय मौर्य (उत्तर प्रदेश) ने बाबा साहब के योगदान पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा, “जिस महापुरुष की पीढ़ी शिक्षित नहीं होती, वह समाज इतिहास से मिट जाता है। डॉ. अंबेडकर ने हमें शिक्षा, अधिकार और समानता दी।”
उन्होंने कहा कि बाबा साहब के विचार आज भी समाज के लिए प्रकाश स्तंभ हैं।
विशिष्ट अतिथि बोले: संविधान बचाने की ज़रूरत
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि विष्णु कांत कुशवाहा (प्रदेश अध्यक्ष, बिरसा मुंडा विचार मंच) ने संविधान की मूल आत्मा और बाबा साहब की विचारधारा पर जोर देते हुए युवाओं को संविधान के प्रति जागरूक और सजग रहने का संदेश दिया।
अध्यक्ष, संयोजक और गणमान्यजन रहे मौजूद
कार्यक्रम की अध्यक्षता मंगल प्रसाद मानव ने की और संचालन एडवोकेट रोहिणी कुशवाहा ने किया।
आयोजनकर्ता सेवानिवृत्त शिक्षक हजारीलाल चौधरी ने अतिथियों और आगंतुकों का सम्मान और आभार व्यक्त किया।
बी.एल. कुशवाहा (पार्षद, नगर परिषद बैकुंठपुर) ने सहयोगियों को धन्यवाद कहा।
जिलाभर से पहुंचे सैकड़ों सामाजिक कार्यकर्ता
इस भव्य आयोजन में एडवोकेट कमलेश कुशवाहा, सरपंच रजनीश कुशवाहा, ओमप्रकाश साकेत, सब्बीर खान, मनीष पटेल, मुकेश कुमार सहित कई गणमान्य जन मौजूद रहे।
सभा में हजारों लोगों ने भाग लिया और बाबा साहब के विचारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया।
बैकुंठपुर में अंबेडकर जयंती का यह आयोजन सामाजिक समरसता, शिक्षा और जागरूकता का जीवंत उदाहरण बन गया।