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मैहर। अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री में उस समय हड़कंप मच गया जब फैक्ट्री परिसर में डीजल टैंकर में बिल्डिंग के दौरान हुए विस्फोट से चारों ओर अफरा-तफरी मच गई। मजदूरों ने इस दुर्घटना के लिए अधिकारियों की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हुए गुस्से में आकर अधिकारियों पर हमला कर दिया। हालात इतने बिगड़ गए कि मौके पर मौजूद पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा और बड़ी मुश्किल से अधिकारियों की जान बचाई जा सकी।
विस्फोट ने बढ़ाई समस्या
मैहर स्थित अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री में मजदूर डीजल टैंकर की मरम्मत कर रहे थे। इस दौरान अचानक ब्लास्ट हो गया, जिससे मजदूरों में दहशत फैल गई। मजदूरों का आरोप है कि टैंकर की मरम्मत के दौरान जरूरी सुरक्षा उपाय नहीं किए गए थे, और अधिकारी इस मामले में लापरवाह थे।
मजदूरों का गुस्सा फूटा
विस्फोट के बाद जब फैक्ट्री के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे, तो गुस्साए मजदूरों ने उन पर हमला कर दिया। पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के बावजूद मजदूरों ने अधिकारियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने किसी तरह बीच-बचाव कर अधिकारियों को सुरक्षित बाहर निकाला।
पुलिस के सामने मजदूरों का प्रदर्शन
घटना के बाद मजदूरों ने फैक्ट्री परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने पुलिस से मांग की कि इस दुर्घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। मजदूरों का कहना है कि यदि समय रहते सुरक्षा उपाय किए गए होते, तो इस दुर्घटना को टाला जा सकता था।
प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल
घटना के बाद फैक्ट्री प्रबंधन ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है, लेकिन मजदूरों का कहना है कि ऐसे वादे पहले भी किए गए हैं और हर बार मामले को दबा दिया जाता है। मजदूर संघ के नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि दोषियों पर जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे।
मजदूरों की सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने फैक्ट्री में काम कर रहे मजदूरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मजदूरों का आरोप है कि प्रबंधन की लापरवाही से उनके जीवन पर खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि विस्फोट के बाद घायलों को समय पर इलाज उपलब्ध कराने में भी देरी हुई।
पुलिस ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और मजदूरों को शांत कराया गया है। फैक्ट्री प्रबंधन से भी पूछताछ की जा रही है।
अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री में हुई यह घटना मजदूरों की सुरक्षा और प्रबंधन की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े करती है। अगर समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, तो ऐसी घटनाएं दोबारा हो सकती हैं। मजदूरों ने साफ कर दिया है कि वे दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होने तक शांत नहीं बैठेंगे।