Kendriya Vidyalaya in MP: मऊगंज के बाद जिला बना मैहर, फिर भी क्यों खुला केंद्रीय विद्यालय?
पेट्रोल न्यूज़ के संपादक आलोक शर्मा की कलम से
मऊगंज (7 दिसंबर) – जिले के मऊगंज क्षेत्र में लंबे समय से केंद्रीय विद्यालय (KV) के उद्घाटन की उम्मीदें थीं, लेकिन हाल ही में मैहर में केवी का शुभारंभ होने से मऊगंज के लोगों के बीच इस फैसले को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं। मऊगंज के बजाय मैहर में केन्द्रीय विद्यालय खोले जाने पर क्षेत्रवासियों में असंतोष का माहौल है और यह सवाल खड़ा हो रहा है कि आख़िरकार मऊगंज जैसे बड़े क्षेत्र को यह विद्यालय क्यों नहीं मिला।
नीति के खिलाफ उठे सवाल
मूल रूप से केन्द्रीय विद्यालय योजना के तहत केंद्र सरकार का उद्देश्य यह है कि प्रत्येक जिले में एक केंद्रीय विद्यालय खोला जाए ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके और उन क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को एक अच्छी और सुविधाजनक शिक्षा प्रणाली उपलब्ध हो सके। लेकिन मऊगंज क्षेत्र में यह नीतिगत प्रतिबद्धता नजर नहीं आई, जबकि मैहर को यह विद्यालय मिला है।
मैहर को प्राथमिकता क्यों?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मऊगंज के लोग इस फैसले को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं। उनका कहना है कि मऊगंज क्षेत्र में जनसंख्या, शिक्षा की जरूरत और अन्य सामाजिक आंकड़ों के हिसाब से यह क्षेत्र केंद्रीय विद्यालय के लिए एक आदर्श स्थान हो सकता था। बावजूद इसके, मैहर को इस विद्यालय के लिए चुना गया है, जो कई मायनों में मऊगंज से छोटे और कम विकसित क्षेत्र के रूप में देखा जाता है।
शिक्षा व्यवस्था पर असर
केन्द्रीय विद्यालय जैसे स्कूल बच्चों को राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा प्रदान करते हैं, जहां पाठ्यक्रम के साथ-साथ अन्य सह-पाठयक्रम गतिविधियों का भी खास ध्यान रखा जाता है। ऐसे स्कूलों का मऊगंज में न होना क्षेत्रीय छात्रों के लिए एक बड़ी कमी है, जो अब अन्य जिलों के स्कूलों में पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं।
स्थानीय नेताओं की चुप्पी
इस मुद्दे पर मऊगंज के स्थानीय विधायक व नेताओं की चुप्पी भी सवालों के घेरे में है। लोग पूछ रहे हैं कि क्या उनके प्रतिनिधि इस विषय को उचित तरीके से उठाने में नाकाम रहे हैं या फिर कोई और कारण है, जिसके चलते मऊगंज को यह केंद्रीय विद्यालय नहीं मिला।
पूछता है पेट्रोल न्यूज़- क्या मिलेगा समाधान?
अब यह देखना होगा कि इस मुद्दे पर जिले के प्रशासन और नेताओं की ओर से क्या कदम उठाए जाते हैं। क्या मऊगंज के लिए भी कोई प्रस्ताव तैयार किया जाएगा, ताकि यहां के बच्चों को भी केंद्रीय विद्यालय की सुविधाएं मिल सकें?
मऊगंज और इसके आस-पास के क्षेत्रवासियों की उम्मीदें अब प्रशासन और सरकार से जुड़ी हैं कि इस मुद्दे का समाधान जल्द से जल्द निकाला जाए और मऊगंज को भी केंद्रीय विद्यालय की सौगात मिले।