चित्रकूट, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रो भरत मिश्रा के निर्देश पर आज कला संकाय अंतर्गत लोक शिक्षा एवं जन संचार विभाग के सभागार में बी.एड. , एम.एड. , आई. टी. ई .पी. (बी.ए.बी.एड. , बी.एस.सी.बी.एड.) पाठ्यक्रम के छात्र-छात्राओं के लिए अतिथि व्याख्यान सम्पन्न हुआ। व्याख्यान का विषय समकालीन भारत और शिक्षा रहा। इस अवसर पर लखनऊ विश्वविद्यालय के डॉ हेमेंद्र कुमार सिंह प्रोफेसर शिक्षा शास्त्र ने भारत में प्राचीन काल से वर्तमान शिक्षा व्यवस्था का वर्णन करते हुए बताया कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली का प्रादुर्भाव प्राचीन काल की शिक्षा व्यवस्था से हुआ है । वैदिक कालीन शिक्षा व्यवस्था की विशेषताओं, गुरुकुलों के महत्व एवं बौद्ध कालीन शिक्षा संस्थानों जैसे नालंदा एवं तक्षशिला विश्वविद्यालयों की गौरवशाली शिक्षा व्यवस्था का वर्णन किया । भारत में विश्व के लगभग 25 देशों से विद्यार्थी विद्या अध्ययन के लिए इन प्रतिष्ठित संस्थानों में आते थे। नालंदा एवं तक्षशिला विश्वविद्यालयों की गौरवशाली शिक्षा प्रणाली के उपरांत मध्यकालीन शिक्षा व्यवस्था पर प्रकाश डालते हुए डॉ सिंह ने ब्रिटिश कालीन शिक्षा व्यवस्था का वर्णन किया । उन्होंने अंग्रेजी शिक्षा में आए परिवर्तन तथा भारत की शैक्षिक व्यवस्था में अंग्रेजी शिक्षा के सूत्रपात का प्रकाश डाला । स्वतंत्रता पूर्व एवं स्वतंत्र भारत में शिक्षा में हुए नवाचारों एवं सुधारों का विस्तार से बताते हुए वर्तमान समय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों तथा शिक्षक शिक्षा में हुए सुधारों का भी उल्लेख किया। इस अवसर पर कला संकाय के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष सहित संकाय सदस्य मौजूद रहे।