
चित्रकूट जिला बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव ने गंभीर विवाद का रूप ले लिया है। बार काउंसिल ऑफ यूपी द्वारा पहले से ही चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने के बावजूद, एल्डर्स कमेटी और चुनाव कमेटी ने नियमों को दरकिनार कर चुनाव आयोजित किया। इस पर कड़ी कार्रवाई करते हुए बार काउंसिल ने कमेटी के 8 सदस्यों को प्रैक्टिस करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
क्या है मामला
1 दिसंबर को चित्रकूट जिला बार एसोसिएशन के चुनाव की अधिसूचना जारी हुई। लेकिन अधिवक्ताओं ने मतदाता सूची में गड़बड़ी और चुनाव प्रक्रिया में अनियमितताओं की शिकायत बार काउंसिल से की। इसके बाद काउंसिल ने चुनाव पर रोक लगाई थी।
बावजूद इसके, एल्डर्स कमेटी ने राजापुर और मानिकपुर तहसील के अधिवक्ताओं को नियमों के विपरीत जिला बार एसोसिएशन का मतदाता बनाते हुए चुनाव प्रक्रिया आगे बढ़ाई।
मतगणना के दौरान हंगामा
आज मतगणना के दौरान अधिवक्ताओं ने चुनाव को असंवैधानिक बताते हुए हंगामा शुरू कर दिया। हालांकि, मतगणना पूरी हुई और अशोक गुप्ता ने 9 वोटों से जीत दर्ज की। लेकिन विरोध कर रहे अधिवक्ताओं ने उन्हें जीत का प्रमाण पत्र देने से रोकते हुए कार्यालय पर ताला लगा दिया।
बार काउंसिल की सख्त कार्रवाई
बार काउंसिल ने इसे गंभीर मानते हुए, एल्डर्स कमेटी और चुनाव कमेटी के 8 सदस्यों को प्रैक्टिस पर रोक लगा दी है। इन्हें 5 जनवरी को स्पष्टीकरण देने के लिए तलब किया गया है।
अधिवक्ताओं का आरोप
अधिवक्ताओं का कहना है कि चुनाव में पैसे बांटकर और फर्जी मतदाता सूची बनाकर अशोक गुप्ता ने जीत हासिल की।
सुरेश तिवारी, अधिवक्ता “यह चुनाव पूरी तरह से नियमों के विरुद्ध हुआ है। हम इसे नहीं मानते।”
सुरेश प्रभु, अधिवक्ता “जीते हुए प्रत्याशी ने अनैतिक तरीकों से चुनाव जीता है। यह बार की गरिमा के खिलाफ है।”
मनोज कंचनी, अधिवक्ता “दोबारा निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराया जाए, यही हमारी मांग है।”
जगत नारायण, अधिवक्ता “हम बार काउंसिल के फैसले का स्वागत करते हैं और निष्पक्ष जांच की मांग करते हैं।”
क्या होगा आगे?
बार काउंसिल ऑफ यूपी ने साफ कर दिया है कि बिना नियमों के पालन के चुनाव नहीं होंगे। अधिवक्ता नए चुनाव कराने की मांग पर अड़े हुए हैं। यह देखना होगा कि इस विवाद का समाधान कैसे होता है।