
चित्रकूट मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की तपोस्थली पर श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन हो रहा है जिसमें कथा व्यास केशव शास्त्री गंज बासौदा मध्य प्रदेश के कथा कर रहे हैं यह कथा का आयोजन भागवत कथा समिति बासौदा जिला विदिशा मध्य प्रदेश द्वारा चित्रकूट में कराया जा रहा है समिति द्वारा भारत के सभी धार्मिक स्थलों में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन कर रहे हैं चित्रकूट में समिति द्वारा यह पहली श्रीमद् भागवत कथा है कथा व्यास ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के घरों से माखन चोरी की। इस घटना के पीछे भी आध्यात्मिक रहस्य है। दूध का सार तत्व माखन है। उन्होंने गोपियों के घर से केवल माखन चुराया अर्थात सार तत्व को ग्रहण किया और असार को छोड़ दिया।
प्रभु हमें समझाना चाहते हैं कि सृष्टि का सार तत्व परमात्मा है। इसलिए असार यानी संसार के नश्वर भोग पदार्थों की प्राप्ति में अपने समय, साधन और सामर्थ को अपव्यय करने की जगह हमें अपने अंदर स्थित परमात्मा को प्राप्त करने का लक्ष्य रखना चाहिए। इसी से जीवन का कल्याण संभव है।
कथा व्यास ने बताया कि वास्तविकता में श्रीकृष्ण केवल ग्वाल-बालों के सखा भर नहीं थे, बल्कि उन्हें दीक्षिद करने वाले जगद्गुरु भी थे। श्रीकृष्ण ने उनकी आत्मा का जागरण किया और फिर आत्मिक स्तर पर स्थित रहकर सुंदर जीवन जीने का अनूठा पाठ पढ़ाया।