


चित्रकूट अभी तक आप सभी ने इंसानों के बनने वाले आधार कार्ड के बारे में तो खूब सुना होगा.लेकिन गौवांसो के बनने वाले आधार कार्ड के बारे में शायद ही सुना होगा. आज हम एक ऐसी गौशाला के बारे में आपको बताने जा रहे हैं.जो पूरी तरह से नए युग की डिजिटल गौशाला है इस गौशाला में रह रहे गौवशो का आधार कार्ड भी बनाया जाता है.
हम बता कर रहे है यूपी के धर्म नगरी चित्रकूट में बनी सद्गुरु गौशाला की जहा लगभग 1200 गौवंश हैं, जिसमें ज्यादा से ज्यादा वह गौवंश है.जिनके मालिकों ने उनको छोड़ दिया है. उनको यहाँ शरण देकर उनके पालन पोषण का काम किया जाता है. इतना ही नहीं यहाँ हर एक गौवंशों का डिजिटल आधार कार्ड भी बनाया जाता है.
जबड़े की फोटो से होता है डाटा फीड
बता दे की
चित्रकूट के सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय में डिजिटल गौशाला है. यहां आधार कार्ड के लिए गायों के जबड़े का फोटो लेकर उनका सभी डाटा सॉफ्टवेयर में फीड किया जाता है. जिसके बाद यहाँ एक क्लिक में गायों के जबड़े को स्कैन करके उस गौवंश का पूरा डाटा देखा जा सकता है, इस डिजिटल आधार कार्ड में गायों का नाम, लम्बाई, चौड़ाई, वज़न, पूर्व में कौन कौन सी बीमारियां और कौन कौन सा इलाज दिया गया पूरा डाटा इसमें मौजूद रहता है.
गौशाला की अध्यक्ष उषा जैन ने यह गौशाला 21 साल से चल रही है. उन्होंने कहा शुरुआत में हमने जाकर गावों में जाकर गौवंसों की दूरदसा देखी गांव के लोग ना तो उनको खाना खिला सकते थे न पानी पिला सकते थे गांव वालों से जब जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि वह खुद का भोजन नहीं पा पा रहे तो गौ माता को कहां से खिलाए. उन्होंने कहा तब मैं सद्गुरु में अपने शीर्ष जनों से बातचीत की और उन्होंने कहा जब यहां इतनी सेवा हो रही तो गौ माता की सेवा क्यों नहीं हो सकती तब उन्होंने इसकी मंजूरी दी थी.
गौवंशो के लिए रखे गए अलग से डॉक्टर
गौशाला की अध्यक्ष ने आगे की जानकारी देते हुए बताया कि इनकी देख रेख के लिए वृंदावन से डॉक्टरो को बुलाया गया है.और उनकी देख रेख़ के लिए लगभग 25 लोगों का स्टाफ गौशाला में रखा गया है जो उनके स्वास्थ्य से लेकर खाना पीना पानी हर चीज की व्यवस्थाओं को देखते हैं.