चित्रकूट: नूतन वर्ष 2025 की शुरुआत श्रद्धालुओं ने भगवान कामदगिरि की पंचकोसी परिक्रमा से की। दूर-दूर से आए हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान कामदगिरि के चरणों में माथा टेकते हुए आशीर्वाद लिया। पाँच किलोमीटर की परिधि में फैले मंदिरों को दुल्हन की तरह सजाया गया है। नए वर्ष के उपलक्ष्य में भगवान कामदगिरि का विशेष श्रृंगार किया गया है, जिनका आज 56 भोग लगाया जाएगा और शाम को भव्य महाआरती का आयोजन होगा।
कामदगिरि मंदिर के पुजारी रोहित ने बताया कि वनवास काल में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 11 साल 11 महीने और 11 दिन चित्रकूट में बिताए थे। भगवान श्रीराम प्रतिदिन भगवान कामदगिरि की पूजा-अर्चना कर अपने कार्य करते थे।
चित्रकूट में अमावस्या का विशेष महत्व है, और इस अवसर पर लाखों श्रद्धालु मंदाकिनी नदी में स्नान कर कामदगिरि की परिक्रमा शुरू करते हैं। नूतन वर्ष के पहले दिन चित्रकूट में जनसैलाब उमड़ा हुआ है। आस्था और भक्ति के इस पर्व ने पूरे क्षेत्र को भक्तिमय बना दिया है।