चित्रकूट पड़ोसियों के बीच रात्रि में हुए विवाद के दौरान फरसे चलने से एक व्यक्ति की गैर इरादतन हत्या के मामले में दोष सिद्ध होने पर सत्र न्यायाधीश विकास कुमार प्रथम ने आरोपी पिता को उसके पांच बेटों के साथ 10-10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही इस घटना में दूसरे पक्ष के भी कई लोगों के घायल होने के मामले में दोष सिद्ध होने पर सात लोगों को तीन-तीन वर्ष की सजा सुनाई है। दोनों पक्षों के आरोपियों को अर्थदण्ड से भी दण्डित किया गया है।
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी श्याम सुंदर मिश्रा ने बताया कि राजापुर थाने के सरधुवा गांव के कल्याणीपुरवा निवासी सोमदत्त ने बीती 24 मई 2020 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। वादी के अनुसार 23 मई 2020 को रात दस बजे वह अपने भाई गणेश के साथ घर में खाना खा रहा था। इस दौरान पड़ोस में रहने वाला बद्री निषाद अपने पांच लड़कों ननकौना, बुद्धि, बच्चू, बाबू व कलुवा के साथ अपने छत पर चढ़कर उनको और पूरे गांव वालों को गाली देने लगे। जिस पर वह अपने भाई गणेश और पत्नी नीलम के साथ छत पर गया और गाली देने का विरोध किया। इस पर बद्री निषाद ने अपने बेटों के साथ उन पर लाठी, डंड़ों और फरसे से हमला कर दिया। जिससे उसके भाई गणेश के सिर पर गंभीर चोट आई और उसकी मौत हो गई। साथ ही उसकी पत्नी नीलम, भाई बुद्धराज व ओमप्रकाश भी गंभीर रूप से घायल हो गए। इस दौरान उन लोगों की गुहार सुनकर गांव के लोग एकत्रित हुए। जिस पर हमलावर जान से मारने की धमकी देते हुए मौके से फरार हो गए। जिसके बाद उन्होंने थाने जाकर मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई।
इस घटना में मारपीट के दौरान दूसरे पक्ष के लोग भी घायल हुए थे। दूसरे पक्ष की रानी देवी ने भी थाने में सोमदत्त, नंगा, पंचू, शंकर प्रसाद, राजा, खूनी व बुद्धराज निषाद के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने के बाद आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था। बचाव और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद बुधवार को सत्र न्यायाधीश विकास कुमार प्रथम ने निर्णय सुनाया। जिसमें गैर इरादतन हत्या के मामले में दोष सिद्ध होने पर बद्री निषाद व उसके पांचों बेटों ननकौना, बुद्धि, बच्चू, बाबू व कलुवा को 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास व अर्थदण्ड की सजा सुनाई। साथ ही दूसरे पक्ष के सोमदत्त, नंगा, पंचू, शंकर प्रसाद, राजा, खूनी व बुद्धराज निषाद को मारपीट के मामले में दोष सिद्ध होने पर तीन-तीन वर्ष कारावास व अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।