धर्मनगरी चित्रकूट में 52वां राष्ट्रीय रामायण मेला इस बार 25 फरवरी से आयोजित किया जाएगा। रामायण मेला परिसर में रविवार को आयोजित बैठक में मेले की तैयारियों और कार्यक्रमों पर चर्चा की गई। कार्यकारी अध्यक्ष प्रशांत करवरिया और महामंत्री करूणा शंकर द्विवेदी ने बताया कि मेले में देशभर के प्रख्यात कलाकार और विद्वान हिस्सा लेंगे। इस बार आयोजन को भव्य बनाने के लिए जिला प्रशासन का पूरा सहयोग रहेगा।
रामायण मेले का शुभारंभ करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आमंत्रित किया जाएगा। बैठक में पूर्व सांसद भैरो प्रसाद मिश्र ने बताया कि स्थानीय कलाकारों को भी मंच दिया जाएगा, ताकि उनकी प्रतिभा को प्रोत्साहन मिल सके।
डॉ. राममनोहर लोहिया की परिकल्पना से हुई थी शुरुआत
रामायण मेले की परंपरा की शुरुआत 1960 में डॉ. राममनोहर लोहिया की परिकल्पना के तहत हुई थी। इस परिकल्पना को मूर्त रूप 1972 में मिला, जब रामायण मेले का पहला आयोजन हुआ। तब से यह मेला धर्म और संस्कृति के अद्वितीय संगम का प्रतीक बना हुआ है।
बैठक में कई संतों और गणमान्य लोगों की उपस्थिति
इस अवसर पर कामदगिरि प्रमुख द्वार के संत मदन गोपाल दास, दिगंबर अखाड़ा के महंत दिव्यजीवन दास, निर्मोही अखाड़ा के संत दीनदयाल दास सहित पूर्व विधायक दिनेश मिश्रा और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी ने अपने-अपने सुझाव दिए।
चित्रकूट में फिर गूंजेगी रामायण की ध्वनि
रामायण मेला धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से परिपूर्ण होगा। धार्मिक प्रवचन, भजन, नृत्य-नाटिका और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां इस आयोजन को खास बनाएंगी। चित्रकूट में इस बार महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर रामायण मेला धर्म, आस्था और संस्कृति का अद्भुत संगम बनेगा।