Mauganj। देवतालाब विधायक गिरीश गौतम और मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल के बीच सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। एक आपराधिक मामले में मऊगंज विधायक द्वारा थाने के सामने धरना देने और टीआई को सस्पेंड कराने की घटना ने विवाद को और बढ़ा दिया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए विधायक गिरीश गौतम ने कड़े शब्दों में कहा कि मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल खुद को मुख्यमंत्री समझने लगे हैं।
गौतम ने कहा, “विधायक पटेल बसपा में रह चुके हैं, और उनके डीएनए में जो है, वही वे प्रदर्शित कर रहे हैं। मऊगंज में पहले ही विकास कार्य हो चुके हैं और लोग खुशहाल हैं। शायद इसीलिए अब वे दूसरे क्षेत्र में राजनीति करने लगे हैं।”
मऊगंज विधायक ने किया पलटवार
जब इस मामले पर मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल से प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने कहा, “मैं इस समय महाकुंभ में हूं और कथा सुन रहा हूं। फिलहाल इस विषय पर कोई चर्चा नहीं करूंगा।”
क्या है पूरा मामला?
घटना देवतालाब विधानसभा क्षेत्र की है, जहां एक आपराधिक मामले को लेकर मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल थाने के सामने धरने पर बैठ गए थे। उनकी मांग थी कि संबंधित मामले में पुलिस निष्पक्ष कार्रवाई करे। विधायक के इस दबाव के बाद थाना प्रभारी को सस्पेंड कर दिया गया।
गौतम ने लगाए गंभीर आरोप
देवतालाब विधायक गौतम ने कहा कि मऊगंज विधायक अपनी सीमाएं लांघ रहे हैं। उन्होंने कहा, “जो लोग अपने क्षेत्र की जनता को छोड़कर दूसरे क्षेत्र में राजनीति करने की कोशिश करते हैं, वे अपने क्षेत्र के प्रति जिम्मेदारी से भाग रहे हैं। मऊगंज में विकास कार्य पूरे हो चुके हैं, और लोग वहां संतुष्ट हैं।”
धरना और सस्पेंशन ने खड़े किए सवाल
मऊगंज विधायक के थाने के सामने धरने और टीआई के सस्पेंशन ने प्रशासनिक व्यवस्था और राजनीतिक हस्तक्षेप पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना सियासी गर्मी बढ़ाने के साथ ही दोनों विधायकों के बीच तीखे आरोप-प्रत्यारोप का कारण बन गई है।
क्या यह राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई है?
राजनीतिक विशेषज्ञ इसे मऊगंज और देवतालाब के बीच राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई के रूप में देख रहे हैं। एक ओर जहां विधायक पटेल ने जनता के लिए लड़ने का दावा किया है, वहीं गौतम ने इसे राजनीतिक नाटक करार दिया है।
आगे देखना होगा कि यह विवाद किस दिशा में बढ़ता है और दोनों विधायक अपने-अपने क्षेत्र में जनता की सेवा के लिए क्या कदम उठाते हैं?