Mauganj:
मऊगंज जिले में पुलिस प्रशासन की नियुक्तियों को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। मंगलवार को पुलिस अधीक्षक रसना ठाकुर द्वारा थाना प्रभारियों की नियुक्ति का आदेश जारी किया गया, लेकिन चंद घंटों में इसे निरस्त कर दिया गया। इस घटनाक्रम ने जिले की राजनीति में हलचल मचा दी है।
थाना प्रभारियों की नियुक्ति बनी विवाद का कारण?
मंगलवार शाम को मऊगंज, शाहपुर और खटखरी चौकी में नए थाना प्रभारियों की नियुक्ति की गई। मऊगंज थाना में उप निरीक्षक संदीप भारती, शाहपुर में निरीक्षक राजेश पटेल और खटखरी चौकी में ज्ञानेंद्र पटेल की नियुक्ति का आदेश जारी हुआ। लेकिन यह नियुक्तियां मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल के समर्थन से जुड़ी बताई गईं, जिससे देवतालाब विधायक गिरीश गौतम नाराज हो गए।
सोशल मीडिया पर बवाल
देवतालाब विधायक गिरीश गौतम ने सोशल मीडिया पर इस फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने 25 जनवरी को कलेक्ट्रेट के सामने धरना देने की घोषणा कर दी। इस घोषणा के बाद पुलिस अधीक्षक ने आनन-फानन में आदेश निरस्त कर दिया और मऊगंज थाना में निरीक्षक सनत कुमार द्विवेदी को पदस्थ कर दिया।
राजनीतिक दखल से बिगड़े हालात
सूत्रों के अनुसार, नियुक्ति में एक ही वर्ग के अधिकारियों को प्राथमिकता दिए जाने से विवाद और गहरा गया। सूत्र बताते हैं कि संदीप भारती के मऊगंज विधायक के गनमैन के रिश्तेदार होने की बात ने आग में घी डालने का काम किया। इससे दोनों विधायकों के बीच तनाव और बढ़ गया।
जनता में बढ़ रही असंतोष की भावना
इस विवाद ने मऊगंज जिले के प्रशासनिक हालात पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि विधायकों के बीच टकराव का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।
अधिकारियों की चुप्पी पर सवाल?
थाना प्रभारियों की बार-बार बदलती सूची और विधायकों के दबाव ने पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जनता यह जानना चाहती है कि यह विवाद कब खत्म होगा और मऊगंज में स्थिर प्रशासनिक व्यवस्था कब बहाल होगी?
क्या कहता है पेट्रोल न्यूज़?
मऊगंज में विधायकों की सियासी खींचतान ने पुलिस प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। इस घटनाक्रम ने जिले की राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर किया है। अब देखना होगा कि यह विवाद किस दिशा में जाता है और प्रशासन इसे कैसे सुलझाता है?