उज्जैन,MP। महाकाल मंदिर में गुरुवार से भस्म आरती के दौरान मोबाइल ले जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लागू कर दिया गया। आम भक्तों को मोबाइल मंदिर में ले जाने से रोक दिया गया और उन्हें मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर पर मोबाइल जमा करने को कहा गया। लेकिन, वीआईपी और पुजारियों को मोबाइल लेकर अंदर जाने की छूट दी गई, जिससे भेदभाव के आरोप लग रहे हैं।
मोबाइल प्रतिबंध की वजह
चार दिन पहले एक युवती द्वारा मंदिर परिसर में फिल्मी गाने पर रील बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करने के बाद यह कदम उठाया गया। पुजारियों ने इस पर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद प्रशासन ने पुराने नियम को सख्ती से लागू करने का फैसला लिया।
वीआईपी और पुजारियों को छूट
जहां आम भक्तों के मोबाइल जमा कराए गए, वहीं वीआईपी और पुजारी बिना किसी रोक-टोक के मोबाइल लेकर मंदिर में प्रवेश करते दिखे। दिन में कई भक्त बिना जांच के मोबाइल लेकर मंदिर में प्रवेश कर गए और परिसर में फोटोग्राफी और सेल्फी लेते नजर आए।
सख्ती का दावा, लेकिन व्यवस्था कमजोर
मंदिर प्रशासन ने दावा किया है कि शुक्रवार से पुजारी, पुरोहित और सेवकों पर भी मोबाइल प्रतिबंध सख्ती से लागू किया जाएगा। लेकिन व्यवस्था से जुड़े लोग मानते हैं कि पर्याप्त मोबाइल लाकर न होने और दर्शन व्यवस्था में खामियों के चलते यह नियम लंबे समय तक प्रभावी नहीं रह पाएगा।
प्रतिदिन 1700 भक्तों को अनुमति
मंदिर में प्रतिदिन 1700 भक्तों को भस्म आरती के दर्शन की अनुमति दी जाती है। इनमें 300 भक्त ऑफलाइन, 400 ऑनलाइन, 400 पुजारियों के यजमान और 600 प्रोटोकॉल के तहत शामिल होते हैं।
नियम के भविष्य पर संदेह
मंदिर प्रशासन के प्रयासों के बावजूद नियम लंबे समय तक प्रभावी रहने पर संदेह है। भक्तों का मानना है कि यह प्रतिबंध कुछ ही दिनों में शिथिल हो जाएगा, जैसा पहले भी देखा गया है।
प्रशासन का बयान
सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने कहा, “भस्म आरती में मोबाइल प्रतिबंध का पालन सख्ती से कराया जाएगा। पुजारियों और सेवकों को भी नियम का पालन करना होगा।”
नियम में भेदभाव से भक्त नाराज
भक्तों का कहना है कि प्रशासन के नियमों में समानता होनी चाहिए। वीआईपी और पुजारियों को दी जा रही छूट से आम भक्तों में नाराजगी है।