प्रयागराज | Mahakumbh 2025 के मौनी अमावस्या स्नान के दौरान 29 जनवरी को मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। इस घटना के बाद बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अपने बयान में कहा कि “जो लोग गंगा के किनारे मरे हैं, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई है।” उनके इस बयान पर कई साधु-संतों ने सहमति जताई, लेकिन जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने इससे स्पष्ट रूप से किनारा कर लिया और कहा कि धीरेंद्र शास्त्री को मोक्ष का ज्ञान नहीं है।
रामभद्राचार्य ने दी प्रतिक्रिया, कहा – “बयान ठीक नहीं”
धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान पर उनके ही गुरु जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने असहमति जताई। उन्होंने कहा,
“यह बहुत दुखद घटना है। मृतकों के परिवारों के साथ मेरी पूरी संवेदना है। धीरेंद्र शास्त्री की बातें ठीक नहीं हैं, क्योंकि मोक्ष का सही अर्थ उन्हें ज्ञात नहीं है।”
इसके अलावा, रामभद्राचार्य ने महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं से अपील की थी कि वे सुरक्षा का ध्यान रखते हुए अपने नजदीकी घाटों पर ही स्नान करें।
क्या बोले थे धीरेंद्र शास्त्री?
महाकुंभ में भगदड़ की घटना पर बोलते हुए बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था,
“हर दिन कई लोग मरते हैं – कुछ बीमारियों से, कुछ इलाज की कमी से, और कुछ हार्ट अटैक से। मृत्यु तो सभी को आनी है। लेकिन अगर कोई गंगा के किनारे मरेगा, तो वह मरेगा नहीं, बल्कि मोक्ष पाएगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह घटना दुखद है, लेकिन जो लोग इसमें मारे गए, उन्होंने मोक्ष प्राप्त किया है।
बयान पर बढ़ता विवाद
धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। कई लोग उनके बयान को संवेदनहीन मान रहे हैं, जबकि उनके समर्थक इसे धार्मिक दृष्टिकोण से सही ठहरा रहे हैं।
वहीं, रामभद्राचार्य द्वारा इस बयान से किनारा करने के बाद संत समाज में भी इस पर बहस छिड़ गई है। कई अन्य संत भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं।
महाकुंभ भगदड़: क्या हुआ था 29 जनवरी को?
- 29 जनवरी, मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में अमृत स्नान के लिए भारी भीड़ उमड़ी।
- रात 3:30 बजे भगदड़ मच गई, जिसमें 30 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए।
- प्रशासन के मुताबिक, भीड़ अत्यधिक बढ़ जाने से अफरा-तफरी मच गई थी।
- घायल श्रद्धालुओं का इलाज नजदीकी अस्पतालों में जारी है।
प्रशासन की अपील
उत्तर प्रदेश सरकार और कुंभ प्रशासन ने श्रद्धालुओं से संयम बनाए रखने और सुरक्षा निर्देशों का पालन करने की अपील की है। प्रशासन ने अतिरिक्त पुलिस बल और सीसीटीवी निगरानी बढ़ाने का फैसला लिया है।
महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर विवाद बढ़ गया है। उनके गुरु जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने साफ शब्दों में उनके बयान को खारिज कर दिया और इसे अनुचित बताया। इस घटना पर संत समाज की अलग-अलग राय सामने आ रही है, लेकिन प्रशासन का फोकस श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर है।