Mauganj News In Hindi :पुलिस और सुरक्षा तंत्र कटघरे में ?
मऊगंज |
जिला मुख्यालय मऊगंज का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल मंगलवार को जंग का मैदान बन गया। थाना लौर क्षेत्र के ग्राम रामपुर में चल रहे जमीन विवाद की चिंगारी जब सिविल अस्पताल पहुंची, तो वह खूनी भिड़ंत में तब्दील हो गई। अस्पताल परिसर, जहां इलाज होना चाहिए, वहां खुलेआम लाठी-डंडे और रॉड चले। मरीजों में अफरा-तफरी मच गई, डॉक्टर और स्टाफ खुद को कमरों में बंद करने पर मजबूर हो गए।

गांव से शुरू हुआ झगड़ा, अस्पताल में टूटा कहर
घटना की शुरुआत ग्राम रामपुर में हुई, जहां जमीन विवाद को लेकर दो पक्ष आपस में भिड़ गए। एक पक्ष घायल अवस्था में इलाज के लिए मऊगंज सिविल अस्पताल पहुंचा। कुछ ही देर में दूसरा पक्ष भी अस्पताल आ धमका। इसके बाद जो हुआ, उसने पूरे अस्पताल परिसर को दहला दिया।
हाथ में डंडे, रॉड और धारदार हथियार, दौड़ा-दौड़ाकर पीटा
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दोनों पक्षों ने अस्पताल परिसर में जमकर लाठी-डंडों, लोहे की रॉड और धारदार हथियारों से एक-दूसरे पर हमला किया। कई गाड़ियों के शीशे तोड़े गए, अस्पताल की कुर्सियां और बेंचें तोड़ दी गईं। मरीजों में भगदड़ मच गई और स्टाफ ने खुद को कमरों में बंद कर लिया।
पुलिसकर्मी तक छुपा, एमएलसी कराना भी मुश्किल हुआ
घटना के वक्त एक पुलिसकर्मी मेडिकल करवाने के लिए अस्पताल में मौजूद था, लेकिन जब हिंसा शुरू हुई, तो वह भी खुद को छिपाने पर मजबूर हो गया। यह साफ इशारा करता है कि सुरक्षा व्यवस्था कितनी कमजोर थी।
तीन गिरफ्तार, बाकी की तलाश जारी
घटना की सूचना मिलते ही मऊगंज पुलिस मौके पर पहुंची और तत्काल कार्रवाई करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। शेष उपद्रवियों की पहचान कर ली गई है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।
एसपी पहुंचे मौके पर, दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश
मऊगंज पुलिस अधीक्षक दिलीप सोनी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह खुद मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। एसपी ने कहा— “कानून हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। अस्पताल जैसे स्थान को युद्धभूमि बनाना कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
अस्पताल में कैसे हुई इतनी बड़ी वारदात?
इस घटना ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
- अस्पताल परिसर में इतनी बड़ी हिंसा कैसे हुई?
- क्या पुलिस को पहले से भनक नहीं थी?
- अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था इतनी कमजोर क्यों है?
जनता में आक्रोश, प्रशासन से मांग—सिर्फ बयान नहीं, कार्रवाई हो
स्थानीय लोगों का कहना है कि सिविल अस्पताल जैसे संवेदनशील स्थान पर इस तरह की घटना होना प्रशासन की गंभीर लापरवाही है। लोगों की मांग है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और अस्पताल में सुरक्षा बढ़ाई जाए।
फिलहाल मऊगंज सिविल अस्पताल के हालात सामान्य किए जा रहे हैं, लेकिन लोगों के मन में डर और अविश्वास अब भी कायम है। प्रशासन के लिए यह केवल एक घटना नहीं, बल्कि कानून व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल बन चुका है।