
Mauganj, 26 दिसम्बर – मऊगंज का लोक सेवा केंद्र एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार कारण कुछ और ही है। यहां पर सेवा देने के नाम पर पूरी तरह से मनमानी की जा रही है। यह केंद्र अब “पैसा दो, काम कराओ” की तर्ज पर काम करता नजर आ रहा है, जहां जनता से सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क से ज्यादा लिया जाता है, और उसका कोई ठोस प्रमाण (रसीद) भी नहीं दिया जाता। इसके अलावा, आवेदन करने में जितना समय अपेक्षित होता है, उससे कहीं अधिक समय तक फाइलें अटकी रहती हैं।
स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि जहां एक आवेदन सामान्य रूप से एक दिन में निपट सकता है, वहीं मऊगंज लोक सेवा केंद्र पर कुछ आवेदन हफ्तों तक बिना किसी कारण पड़े रहते हैं। काम तब ही होता है, जब आवेदक पहले चढ़ोत्तरी चढ़ाता है।
स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यहां की कार्यप्रणाली काफी भ्रष्ट है। जो व्यक्ति पहले पैसे देता है, उसका काम जल्दी निपटा दिया जाता है, जबकि जिनका आवेदन बिना घूस दिए होता है, उनके मामलों में जानबूझकर देरी की जाती है। यही नहीं, यहां की सेवा देने की प्रक्रिया में पारदर्शिता का घोर अभाव है।
सूत्रों के अनुसार, लोक सेवा केंद्र के कर्मचारी जनता से शुल्क तो लेते हैं, लेकिन इसकी कोई रसीद नहीं देते, जिससे लोगों को बाद में असुविधा होती है। यह समस्या अब गंभीर रूप ले चुकी है, क्योंकि अब यह मुद्दा केवल कुछ लोगों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि स्थानीय लोगों के बीच यह चर्चा का विषय बन गया है।
इस स्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए नागरिकों ने प्रशासन से मामले की जांच की मांग की है, ताकि मऊगंज के लोक सेवा केंद्र में सुधार किया जा सके और लोगों को भ्रष्टाचार से मुक्ति मिल सके।
इस तरह की मनमानी और भ्रष्टाचार के कारण मऊगंज के लोक सेवा केंद्र का नाम अब बुरी तरह बदनाम हो गया है, और इसे लेकर लोगों में गहरी नाराजगी देखने को मिल रही है। अब यह देखना है कि प्रशासन इस मामले पर कब कार्रवाई करता है?