Mauganj News। मऊगंज के ग्राम निबिहा के पास स्थित भाटी जंगल स्थित अहरी में हुए सनसनीखेज वृद्ध दंपति हत्याकांड का पुलिस ने 6 दिन बाद खुलासा कर दिया है। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से चांदी के गहने और 600 रुपए बरामद किए हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि दोनों आरोपियों ने महज इन मामूली चीजों के लिए निर्दोष दंपति की जान ले ली।
चोरी के इरादे से घुसे, पहचान छुपाने के लिए हत्या
घटना 26 दिसंबर की रात की है। भाटी जंगल के पास स्थित अहरी में वृद्ध दंपति मंगल यादव (72) और उनकी पत्नी तेरसी यादव (68) अपने खेतों की रखवाली के लिए बने घर में सो रहे थे। उसी दौरान आरोपी श्रीनिवास पाल उर्फ ददोली (46) और साकिर अहमद उर्फ छोटे खान (49) चोरी के इरादे से घर में घुसे। नींद खुलने पर जब दंपति ने आरोपियों को पहचान लिया, तो उन्होंने अपनी पहचान छुपाने के लिए दोनों की हत्या कर दी।
कैसे दिया वारदात को अंजाम?
पुलिस अधीक्षक रसना ठाकुर ने बताया कि आरोपियों ने पहले मंगल यादव का गला घोटकर उसे मौत के घाट उतारा। इसके बाद तेरसी यादव पर हंसिए से हमला कर उसकी भी जान ले ली। हत्या के बाद आरोपी घर से चांदी के गहने और 600 रुपए नकद लेकर फरार हो गए।
गिरफ्तारी और जब्ती
मऊगंज पुलिस ने घटना के बाद आरोपियों की तलाश के लिए विशेष टीम गठित की। सघन जांच के बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके पास से चोरी किए गए गहने और नकदी भी बरामद कर ली गई।
आरोपियों को जेल भेजा गया
पुलिस ने दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
गांव में फैला था दहशत का माहौल
घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल था। वृद्ध दंपति की निर्मम हत्या से ग्रामीणों में आक्रोश था। पुलिस की तत्परता से मामला सुलझने पर लोगों ने राहत की सांस ली।
पुलिस का बयान
रसना ठाकुर, पुलिस अधीक्षक, मऊगंज ने कहा, “यह मामला बेहद गंभीर था। टीम ने तेजी से काम करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों ने केवल 600 रुपए और गहनों के लिए ऐसी नृशंस घटना को अंजाम दिया। इस प्रकार के अपराधों को रोकने के लिए पुलिस पूरी तरह सतर्क है।”
ग्रामीणों की अपील
ग्रामीणों ने पुलिस से जंगल क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की मांग की है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
क्या कहता है पेट्रोल न्यूज़?
यह घटना न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते अपराध को उजागर करती है, बल्कि समाज में जागरूकता और सुरक्षा की आवश्यकता पर भी सवाल खड़ा करती है।